नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान विश्वकर्मा की जयंती के अवसर पर एक बड़ा सम्मान और मौका दिया है छोटे कारीगरों को जो अब तक समाज के हाशिये पर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा स्कीम की शुरुआत की है, जिससे देश के नाई, लोहार, बुनकर, और सुनारों के विकास का मार्ग खुला है।
इस योजना के अंतर्गत देश के 30 लाख परिवारों को लाभ पहुंचेगा। इस योजना के तहत, कारीगरों को केवल पेशेवर ट्रेनिंग ही नहीं मिलेगी, बल्कि ट्रेनिंग के दौरान भी रोजाना 500 रुपये की स्टिपेंड दी जाएगी। इसके बाद, काम शुरू करने के लिए 3 लाख रुपये तक का लोन भी प्राप्त कर सकते हैं, जिस पर 8 फीसदी की सब्सिडी उपलब्ध होगी।
इस योजना के तहत, कारीगरों को देश के विकास में हिस्सेदार बनाने के लिए तैयारी की जा रही है, और इसके लिए मोदी सरकार ने बजट बनाया है, जिसकी कुल मात्रा 13 हजार करोड़ रुपये है। इसके अलावा, मोदी सरकार द्वारा एक नेशनल कमेटी फॉर मार्केटिंग (एनसीएम) बनाई जाएगी, जो कारीगरों के काम की ब्रांडिंग करेगी।
इस योजना के तहत, पारंपरिक कारीगरों को कुल 3 लाख रुपये का लोन मिलेगा, जिसे किसी भी गारंटी के बिना प्रदान किया जाएगा, और इसकी पूरी जिम्मेदारी मोदी सरकार लेगी। इस योजना के तहत, पहली किस्त में 1 लाख रुपये का लोन प्रदान किया जाएगा, जिसे 18 महीने के भीतर चुकाना होगा। अगर यह पूरा लोन चुका दिया जाता है, तो दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये का लोन प्रदान किया जाएगा, जिसका भुगतान 30 किस्तों में किया जाएगा।
इस योजना के तहत, सभी कारीगरों को मोदी सरकार की ओर से विश्वकर्मा आईडी जारी की जाएगी। पंजीकरण कराने वाले कारीगरों को सबसे पहले 5 से 7 दिन यानी 40 घंटे की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी, और उनका स्किल वेरिफिकेशन कराने के बाद विश्वकर्मा आईडी जारी की जाएगी। इसके बाद, वे 120 घंटे की स्पेशल ट्रेनिंग भी प्राप्त करेंगे, जो करीब 15 दिनों में पूरी होगी। ट्रेनिंग के दौरान, कारीगरों को रोजाना 500 रुपये की स्टिपेंड दी जाएगी।
यह योजना सिर्फ ट्रेनिंग देने के बाद सभी को छोड़ देने की नहीं है। मोदी सरकार द्वारा ट्रेनिंग के बाद 15 हजार रुपये के टूलकिट इंसेंटिव भी प्रदान किया जाएगा। इसका मतलब है कि जब कारीगर 1 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन के हिसाब से कम से कम 100 ट्रांजेक्शन हर महीने की जाएगी, तो 15 हजार का इंसेंटिव भी मिलेगा। इसके साथ ही, लोन पर 8 फीसदी की छूट एमएसएमई मंत्रालय की ओर से प्रदान की जाएगी और इसकी गारंटी केंद्र सरकार द्वारा ली जाएगी।