नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में नया मुख्यालय मिल गया है। कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मंगलवार को 9A कोटला रोड स्थित नए दफ्तर का उद्घाटन किया। अब तक कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर था, लेकिन अब पार्टी ने इसे नए स्थान पर स्थापित किया है। इस नए दफ्तर का नाम ‘इंदिरा भवन’ रखा गया है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में किया गया है। हालांकि, इस नाम को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है और कुछ पोस्टरों में नए मुख्यालय का नाम ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ किए जाने की मांग की गई है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
नए नाम को लेकर कांग्रेस में सफाई
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि दफ्तर का नाम इंदिरा गांधी के योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा गया है। वहीं, पार्टी नेताओं का यह भी कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को भी पार्टी ने सम्मानित किया है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने कहा, “मनमोहन सिंह ने देश को आगे बढ़ाने के लिए काफी काम किया। पार्टी ने कांग्रेस दफ्तर में उनकी याद में लाइब्रेरी का नाम ‘डॉ. मनमोहन सिंह लाइब्रेरी’ रखा है।”
पंजाब कांग्रेस के नेता अमरिंदर राजा वारिंग ने कहा, “भवन का नाम इंदिरा जी पर रखा गया है, जो एक उचित निर्णय है। सभी की अपनी राय हो सकती है, लेकिन सोनिया गांधी ने ही मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया था। मनमोहन सिंह का सम्मान कांग्रेस पार्टी हमेशा करती है, और उनकी लाइब्रेरी में नामकरण इस सम्मान का प्रतीक है।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए दफ्तर के उद्घाटन के दौरान घोषणा की कि इस दफ्तर में ‘डॉ. मनमोहन सिंह लाइब्रेरी’ का नाम रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह छोटा मुद्दा नहीं है, बल्कि पार्टी मनमोहन सिंह जी के योगदान को हमेशा याद रखेगी।
कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला ने भी कहा, “इंदिरा भवन सभी के लिए स्वीकार्य है, और मनमोहन सिंह के परिवार से भी किसी को कोई आपत्ति नहीं है। यह नाम पहले से तय था, और अब इसे लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।”
नाम को लेकर बीजेपी की टिप्पणी
इस विवाद पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “नए कांग्रेस मुख्यालय के बाहर लगाए गए पोस्टरों में इस भवन का नाम ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ रखने की मांग की गई है, जो पूर्व प्रधानमंत्री को उचित श्रद्धांजलि होगी। राहुल गांधी ने हमेशा उन्हें अपना मार्गदर्शक कहा, लेकिन जब देश उनके निधन पर शोक मना रहा था, तो राहुल गांधी वियतनाम में थे। इसके अलावा, कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधि उनकी अस्थियां लेने नहीं आया। इस भवन का नाम उनके नाम पर रखना उनके योगदान को सम्मान देने का एक सार्थक कदम होगा।”
नए मुख्यालय का नामकरण और राजनीति
नए कांग्रेस मुख्यालय के नाम को लेकर उठे विवाद के बाद यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को आगे बढ़ाएगी या इस पर किसी प्रकार का हल निकालेगी। कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं के जरिए साफ किया है कि इंदिरा गांधी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता और उनके नाम पर मुख्यालय का नामकरण किया गया है, जबकि मनमोहन सिंह के योगदान को भी पार्टी हमेशा सम्मान देती रही है।