नई दिल्ली: मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेता मेधा पाटकर को दिल्ली पुलिस ने आज निजामुद्दीन इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए गैर-जमानती वारंट के आधार पर हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मेधा पाटकर एक पुराने मामले में लंबे समय से अदालत में पेश नहीं हो रही थीं, जिसके कारण कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें आज दोपहर साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की संभावना है।
मेधा पाटकर पिछले कई दशकों से नर्मदा बचाओ आंदोलन के माध्यम से विकास परियोजनाओं के नाम पर हो रहे विस्थापन और बड़े बांधों के निर्माण के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही हैं। उनके काम को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
उनकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थकों में नाराजगी देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे कानून की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं, जबकि कई अन्य इसे सरकार द्वारा आंदोलनकारियों को दबाने की कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं।
फिलहाल, इस पूरे मामले पर मेधा पाटकर या उनके कानूनी सलाहकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। कोर्ट में पेशी के बाद ही स्थिति और स्पष्ट हो पाएगी।