लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी के संचलन कार्यक्रम में साध्वी ऋतंभरा ने एक बार फिर अपने विवादित बयान से राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। साध्वी ऋतंभरा ने कार्यक्रम के दौरान लव जिहाद पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की स्त्रियों को अपने सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लव जिहादियों को कतई सहन नहीं किया जाए और दुर्गा वाहिनी उनके साथ है। साध्वी ने इस संदर्भ में एक अत्यंत कड़ा बयान दिया, जिसमें कहा, “लव जिहादियों की आंखें नोंचने का सामर्थ हमारे देश की दुर्गाओं में है।”
लव जिहाद पर सख्त रुख
साध्वी ऋतंभरा ने लव जिहाद के मुद्दे पर और अधिक खुलकर बात करते हुए कहा कि यदि भारत की स्त्री अपनी मर्यादा का उल्लंघन करती है, तो वह किसी वेशधारी के जाल में फंस सकती है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे इस तरह की घटनाओं को सख्ती से न केवल नकारें, बल्कि इसके खिलाफ खुलकर आवाज उठाएं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि दुर्गा वाहिनी उन सभी के साथ है जो लव जिहादियों और इस तरह के अपराधों के खिलाफ खड़े होते हैं।
धर्म और राष्ट्र के संकट की बात
साध्वी ऋतंभरा ने भारत की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश धर्म के संकट में है। उन्होंने मांओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को इस संकट से निपटने के लिए तैयार करें। “भारत के बच्चों में बड़े लक्ष्यों का निर्माण करने वाली मां होती है,” साध्वी ने कहा। उनका यह बयान भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका को मजबूती देने की दिशा में था, खासकर राष्ट्र की रक्षा और समाज की संस्कृति को बचाने के संदर्भ में।
आंध्र प्रदेश में 5 लाख सनातनियों की शपथ
साध्वी ऋतंभरा ने आंध्र प्रदेश में हुई एक सभा का जिक्र किया, जिसमें 5 लाख सनातनी एकत्रित हुए और उन्होंने शपथ ली कि वे भारत के सभी मंदिरों पर जो कब्जा हुआ है, उसे मुक्त कराएंगे। इस बात को लेकर उन्होंने बड़े उत्साह के साथ कहा कि यह शपथ देश के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
बांग्लादेश घुसपैठियों और रोहिंग्याओं पर सख्त रुख
साध्वी ने बांग्लादेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का भी आह्वान किया। उन्होंने शपथ दिलाई कि वे इस मुद्दे पर हमेशा आवाज उठाएंगी और संघर्ष करेंगी। साथ ही, उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। साध्वी ने कहा, “ऐसे लोगों को शरण देने की कोई जरूरत नहीं है, जो हमारे लिए बाद में मुश्किल पैदा कर दें।” उन्होंने सरकार से अपील की कि जो रोहिंग्याओं को भारत में शरण दी गई थी, उन पर अब कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें यहां से बाहर किया जाए।
वक्फ बोर्ड और महाकुंभ
साध्वी ऋतंभरा ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर महाकुंभ आयोजन से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की जमीन पर वक्फ का दावा गलत है, क्योंकि वक्फ बोर्ड की सारी जमीनें सरकारी हैं और उन पर सरकार का हक बनता है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड देश की भूमि पर कब्जा करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहा है, और सरकार को इन जमीनों को अपने कब्जे में लेना चाहिए।
साध्वी ऋतंभरा का यह बयान समाज में एक नई बहस का रूप ले सकता है, खासकर लव जिहाद और बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर। उनका यह संदेश महिलाओं के अधिकारों और देश की संस्कृति की रक्षा के लिए एक सशक्त आवाज के रूप में सामने आया है। उनका यह आह्वान और उनके विचार समाज में एक नई चेतना और जागरूकता फैलाने का काम कर सकते हैं।