तमिलनाडु के सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि ईडी अधिकारी ने एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई है, जो मदुरै स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत है।
वहीं, डीवीएसी के अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में मदुरै में ईडी के कार्यालय में भी छापेमारी की। छापेमारी के दौरान सीआरपीएफ जवानों को कार्यालय के बाहर तैनात किया गया। डीवीएसी को रिश्वत मामले में ईडी के अन्य अधिकारियों की मिलीभगत होने का संदेह है।
डीवीएसी ने एक बयान में कहा कि अंकित तिवारी को डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। इसके बाद अदालत ने आरोपी को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले अधिकारियों ने तिवारी से गहन पूछताछ की। डीवीएसी ने कहा कि हमारी टीम इस बात की जांच की जा रही है कि क्या आरोपी अधिकारी ने पहले भी किसी अन्य को ब्लैकमेल या धमकी देकर पैसे ऐंठे थे?
पुराने सतर्कता मामले के जरिये सरकारी कर्मचारी को धमकाया
बयान में कहा गया है कि आरोपी अधिकारी ने अक्तूबर में डिंडीगुल के एक सरकारी कर्मचारी से संपर्क किया और उनके खिलाफ दर्ज एक सतर्कता मामले का जिक्र किया, जिसका पहले ही निपटारा हो चुका था। अंकित तिवारी ने कर्मचारी से कहा कि मामले की जांच करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश प्राप्त हुए हैं और सरकारी कर्मचारी को 30 अक्तूबर को मदुरै स्थित ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा।
कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए तीन करोड़ मांगे
डीवीएसी ने दावा किया है कि जब सरकारी कर्मचारी मदुरै गया, तो तिवारी ने मामले में कानूनी कार्रवाई से बचने के एवज में उससे तीन करोड़ रुपये देने को कहा। बाद में कहा कि उसने अपने वरिष्ठों से बात की और उनके निर्देशों के अनुसार वह रिश्वत के रूप में 51 लाख रुपये लेने के लिए सहमत हो गए हैं। एक नवंबर को कर्मचारी ने उन्हें रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये दिए। बाद में तिवारी ने कर्मचारी को व्हाट्सएप कॉल और टेक्स्ट मैसेज करके कई बार धमकाया कि उसे 51 लाख रुपये की पूरी राशि का भुगतान करना होगा, नहीं तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इससे सरकारी कर्मचारी को संदेह हुआ और उसने गुरुवार को ईडी अधिकारी के खिलाफ डिंडीगुल जिला सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी इकाई में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद शुक्रवार को डीवीएसी के अधिकारियों ने अंकित तिवारी को शिकायतकर्ता से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बयान में कहा गया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सुबह 10.30 बजे ईडी अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने उसके कदाचार के संबंध में कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं।
रिश्वत मामले में ईडी के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की होगी जांच
डीवीएसी ने कहा कि रिश्वत मामले में ईडी के अन्य अधिकारियों की संभावित संलिप्तता की जांच के लिए भी पूछताछ की जाएगी। सतर्कता टीम के अधिकारी तिवारी के आवास और मदुरै में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय की तलाशी ले रहे हैं। अंकित तिवारी से जुड़े स्थानों की भी तलाशी ली जा रही है।
ईडी के बचाव में उतरे अन्नामलई
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी पर लगे आरोपों पर तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलई का मानना है कि केवल एक अकेले की गलती की वजह से पूरे ईडी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीवीएसी ने ईडी विभाग के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। उन्हें अदालत के सामने प्रस्तुत भी किया और उसे अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है और न ही यह आखिरी बार है।
उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी राजस्थान, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में सीबीआई और ईडी के कई अधिकारियों को पकड़ा गया है। उन्हें गिरप्तार भी किया गया है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला राजस्थान में भी देखने को मिला था। एक की गलती के लिए हम पूरे ईडी को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं।