गुरु रविदास जयंती, जो माघ पूर्णिमा को मनाई जाती है, भारत के एक महान संत, कवि और दार्शनिक, गुरु रविदास जी का जन्मदिन है। यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सामाजिक न्याय, समानता और भाईचारे के संदेश को दर्शाता है।
गुरु रविदास जी का जन्म:
गुरु रविदास जी का जन्म 1377 ईस्वी में हुआ था। वे चमार जाति से थे, जो उस समय समाज में सबसे निचले पायदान पर थी।
गुरु रविदास जी की शिक्षा:
गुरु रविदास जी को औपचारिक शिक्षा नहीं मिली, लेकिन उन्होंने अपनी बुद्धि और ज्ञान से समाज को शिक्षित किया।
गुरु रविदास जी की रचनाएँ:
गुरु रविदास जी ने कई भक्ति गीत लिखे, जो आज भी प्रचलित हैं। उनकी रचनाओं में भक्ति, सामाजिक न्याय, और समानता जैसे विषयों का समावेश है।
गुरु रविदास जी का दर्शन:
गुरु रविदास जी का दर्शन प्रेम, समानता और भाईचारे पर आधारित था। उन्होंने जाति-पांति और ऊंच-नीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए काम किया।
गुरु रविदास जी का प्रभाव:
गुरु रविदास जी का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने लोगों को सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।
गुरु रविदास जयंती कैसे मनाई जाती है:
गुरु रविदास जयंती के दिन लोग गुरु रविदास जी की पूजा करते हैं, उनके भक्ति गीत गाते हैं, और सामाजिक न्याय और समानता के संदेश को फैलाते हैं।
गुरु रविदास जयंती का महत्व:
गुरु रविदास जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें सामाजिक न्याय, समानता और भाईचारे के लिए प्रेरित करता है।
2024 में गुरु रविदास जयंती 24 फरवरी, शनिवार को मनाई जाएगी।
रविदास जी की जयंती भारत के कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाई जाती है। रविदास जी के नाम पर कई स्कूल, कॉलेज और संस्थान हैं। रविदास जी का जीवन और दर्शन आज भी प्रासंगिक है।