वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 839 पेज की रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे एक भव्य हिंदू मंदिर था, जिसे 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां, नक्काशीदार वास्तुशिल्प, और मंदिर के खंडित अवशेष मिले हैं। इन अवशेषों से पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर के ढांचे पर किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण के लिए पहले के मंदिर के स्तंभों का पुन: उपयोग किया गया था। मस्जिद के पश्चिमी कक्ष की पूर्वी दीवार पर एक बड़ा सजाया प्रवेश द्वार है, जो हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि औरंगजेब ने 1669 में काशी में विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल के 20वें वर्ष यानी वर्ष 1676-77 में किया गया था।
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है, जिस पर दोनों पक्षों के दावे हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक हिंदू मंदिर है, जिसे औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक मुस्लिम तीर्थस्थल है।
ASI की रिपोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष को मजबूती मिली है। अब यह देखना होगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर अदालत क्या फैसला सुनती है।