दुबई/नई दिल्ली: भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद द्वारा दुबई में मैनेजमेंट कैंपस खोलने की घोषणा के ठीक एक महीने बाद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) के भी दुबई में अपना पहला विदेशी कैंपस खोलने की घोषणा की है। इस कदम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्राष्ट्रीयकरण लक्ष्यों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
प्रमुख निकायों से मिली मंजूरी, भारतीय नियमों का होगा पालन
IIFT दुबई कैंपस को स्थापित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) सहित सभी प्रमुख निकायों से आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है। इस कैंपस के नियम भारतीय संस्थानों जैसे ही होंगे, जो इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रबंधन में समानता सुनिश्चित करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के साथ-साथ गल्फ देशों में रहने वाले भारतीयों को भी विदेशी व्यापार (फॉरेन ट्रेड) की पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करना है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, अर्थशास्त्र और व्यापार नीति पर आधारित होंगे कोर्स
मंत्रालय के अनुसार, यह विस्तार भारत को अपनी वैश्विक शैक्षणिक उपस्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। दुबई कैंपस में पेश किए जाने वाले कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, अर्थशास्त्र और व्यापार नीति पर केंद्रित होंगे। इन पाठ्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एमबीए (MBA), अर्थशास्त्र (व्यापार और वित्त) में एमए (MA), कामकाजी पेशेवरों के लिए कार्यकारी डिप्लोमा और डॉक्टरेट कार्यक्रम शामिल होंगे। प्रवेश प्रक्रिया वर्तमान प्रवेश परीक्षा प्रणाली का पालन करेगी, जिसके बाद समूह चर्चा और साक्षात्कार होंगे।
पहली बार विदेश में खुलेगा IIFT कैंपस
बता दें कि 1963 में स्थापित, IIFT वर्तमान में दिल्ली और कोलकाता में अपने मुख्य परिसरों का संचालन करता है। यह पहली बार होगा जब संस्थान भारत के बाहर भी अपना कैंपस शुरू करेगा। IIFT के कुलपति प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी ने इस पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दुबई कैंपस वैश्विक बाजार की जरूरतों के हिसाब से होने के साथ-साथ संस्थान के शैक्षणिक दृष्टिकोण को भी दर्शाएगा। उन्होंने इस विस्तार को शिक्षा को कूटनीतिक और व्यापार लक्ष्यों से जोड़ने की भारत की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
फुल-टाइम और एग्जीक्यूटिव कोर्स, क्षेत्र की जरूरतों पर ध्यान
दुबई परिसर के जल्द ही काम करना शुरू करने की उम्मीद है। यह क्षेत्र की उद्योग आवश्यकताओं और व्यावसायिक चुनौतियों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए फुल-टाइम और एग्जीक्यूटिव दोनों तरह के कोर्स चलाएगा। यह पहल IIM-अहमदाबाद जैसे अन्य भारतीय संस्थानों द्वारा किए गए इसी तरह के वैश्विक कदमों का अनुसरण करती है, और भारत की उच्च शिक्षा में सीमाओं से परे पहुँचने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। यह भारत को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।