नई दिल्ली: भारतीय रेल यात्रियों को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। रेलवे ने हाल ही में सेक्शनल ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे समय की पाबंदी बनाए रखने में मदद मिलेगी और यात्रियों का यात्रा समय भी बच सकेगा। यह कदम रेलवे के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल यात्री संतुष्टि बढ़ेगी बल्कि ट्रेनों के संचालन में भी सुधार होगा।
गति प्रतिबंध हटाने का निर्णय
रेलवे ने अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए कहा है कि अब जहां भी संभव होगा, गति प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि गति प्रतिबंध दो तरह के होते हैं – अस्थायी और स्थायी। अस्थायी गति प्रतिबंध तब लगाए जाते हैं जब पटरियों के अपग्रेड, इंटरलॉकिंग, सिग्नलिंग और बुनियादी ढांचे में सुधार हो रहा होता है। इस तरह के प्रतिबंध काम खत्म होने के बाद हटा दिए जाते हैं। वहीं, स्थायी गति प्रतिबंध तब लगाए जाते हैं जब कुछ कारणों से स्थायी बदलाव की आवश्यकता होती है और ये लंबे समय तक बने रहते हैं।
गति बढ़ाने से यात्रा में सुधार
शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि गति प्रतिबंध हटाने से ट्रेनों की आवाजाही में तेजी आएगी, जिससे यात्रियों का यात्रा समय कम होगा। इसके अलावा, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि लूप लाइनों के माध्यम से ट्रेनों की गति को बढ़ाया गया है, जिससे ट्रेनों की गति में वृद्धि हुई है और यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं।
रेलवे की रणनीतियां और कामकाजी प्रक्रिया
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि गति सीमा हटाने के लिए ट्रैक की स्थिति को सुधारने, ट्रैक की ज्यामिति को समायोजित करने, कर्वेचर को कम करने और तेज ट्रेन गति की अनुमति देने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इससे न केवल गति बढ़ेगी बल्कि ट्रेनों के संचालन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि कई जोनों में पुलों को समतल किया गया है, ताकि पटरियां समतल रहें और ढलान में कोई अचानक बदलाव न हो।
इसके अलावा, रेलवे ने एडवांस सिग्नलिंग और कंट्रोल सिस्टम की स्थापना का भी कार्य शुरू कर दिया है। यह तकनीकी सुधार सुरक्षित ट्रेन संचालन को सुनिश्चित करेगा और समय की पाबंदी का पालन करने में मदद करेगा।
प्रदर्शन और सुरक्षा में सुधार
रेलवे ने सिग्नलिंग और अन्य सुरक्षा गियर सिस्टम के उन्नयन पर भी ध्यान दिया है। वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कार्यकुशलता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए विभिन्न जोनों में सिग्नलिंग और अन्य सुरक्षा उपायों को अपग्रेड किया गया है। रेलवे का उद्देश्य अपनी यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है, ताकि यात्री बिना किसी डर के ट्रेन यात्रा कर सकें।
भारतीय रेलवे ने जो कदम उठाए हैं, वे न केवल ट्रेनों की गति को बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि यात्रा समय में भी कमी लाएंगे। इससे भारतीय रेल नेटवर्क की कार्यकुशलता में भी सुधार होगा। रेलवे लगातार अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए तकनीकी उपायों को अपनाते हुए यात्री सेवाओं को बेहतर बना रहा है। इन सुधारों से यात्रियों को एक नई और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिलेगा।