भारत की ऐतिहासिक जीत: विश्व बैंक की रिपोर्ट में दावा- 11 साल में 26.5 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले, मोदी सरकार को बड़ी उपलब्धि

Dharmender Singh Malik
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भारत की ऐतिहासिक जीत: विश्व बैंक की रिपोर्ट में दावा- 11 साल में 26.5 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले, मोदी सरकार को बड़ी उपलब्धि

नई दिल्ली: भारत, जो हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, अब एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज करने जा रहा है। विश्व बैंक (World Bank) द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबी उन्मूलन की लड़ाई में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। रिपोर्ट बताती है कि बीते 11 सालों में भारत में अत्यधिक गरीबों की संख्या 27.1 फीसदी से घटकर महज 5.3 फीसदी रह गई है, जो देश के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है।

अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले करोड़ों लोग

विश्व बैंक की रिपोर्ट के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में अत्यधिक गरीबी दर 2022-23 में गिरकर 5.3 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले, 2011-12 में यह आंकड़ा 27.1 फीसदी था। यह कमी तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब विश्व बैंक ने अपनी गरीबी रेखा की सीमा को संशोधित कर 3 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन कर दिया है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि 2017 और 2021 के बीच भारत की महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए, 3 अमेरिकी डॉलर की संशोधित अत्यधिक गरीबी रेखा 2021 की कीमतों में व्यक्त 2.15 डॉलर की सीमा से 15 फीसदी अधिक है। इसके बावजूद, 2022-23 में गरीबी दर 5.3 फीसदी दर्ज की गई।

आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी दर 18.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी पर आ गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 10.7 फीसदी से कम होकर 1.1 फीसदी रह गई। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण-शहरी गरीबी अंतर 7.7 फीसदी से घटकर महज 1.7 फीसदी पर आ गया है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

26.5 करोड़ भारतीयों ने छोड़ी अत्यधिक गरीबी

विश्व बैंक के आंकड़ों पर गौर करें तो, 2011-12 में 3 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन यापन करने वाले भारतीयों की संख्या 34 करोड़ थी। 2022-23 में यह संख्या घटकर 7.5 करोड़ रह गई है। इस हिसाब से, 26.5 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी के दायरे से बाहर निकले हैं, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2024 में भारत में 54,695,832 लोग प्रतिदिन 3 अमेरिकी डॉलर से कम पर जीवन यापन कर रहे थे, जिससे 2024 में 3 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन (2021 पीपीपी – प्रतिशत जनसंख्या) पर गरीबी दर 5.44 प्रतिशत है।

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मुफ्त राशन पहल का बड़ा असर

विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में मोदी सरकार द्वारा चलाई गई मुफ्त और सब्सिडी वाली खाद्य हस्तांतरण योजनाओं को देश में गरीबी कम करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक बताया गया है। इन योजनाओं ने ग्रामीण-शहरी गरीबी के अंतर को कम करने में भी अहम भूमिका निभाई है। वैश्विक निकाय ने इससे पहले अप्रैल में अपनी ‘गरीबी और समानता ब्रीफ’ में भी कहा था कि अत्यधिक गरीबी (प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन) 2011-12 में 16.2 फीसदी से घटकर 2022-23 में 2.3 फीसदी हो गई, जिससे 171 मिलियन लोग इस रेखा से ऊपर आ गए।

अर्थव्यवस्था पर विश्व बैंक की टिप्पणी

जहां एक ओर विश्व बैंक ने मोदी सरकार की गरीबी उन्मूलन की उपलब्धि की सराहना की है, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर भी कुछ टिप्पणियां की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) वित्त वर्ष 2024-25 तक कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से पहले के प्रवृत्ति स्तर से लगभग 5 फीसदी कम था। हालांकि, रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं को व्यवस्थित तरीके से हल किए जाने की स्थिति में 2027-28 तक वृद्धि धीरे-धीरे संभावित स्तर पर पहुंच जाएगी।

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इसके बावजूद, रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण नकारात्मक जोखिमों का भी उल्लेख किया गया है, जैसे वैश्विक स्तर पर नीतिगत बदलाव और बढ़ते व्यापार तनाव, जिनसे भारत के निर्यात की मांग कम हो सकती है और निवेश में सुधार में और देरी हो सकती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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