नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार देर रात जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई शहरों में पाकिस्तान की ओर से किए गए एक बड़े मिसाइल और ड्रोन हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। भारत के अत्याधुनिक एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और एंटी-ड्रोन सिस्टम ने अचूक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। पाकिस्तान का लक्ष्य जम्मू एयरस्ट्रिप, श्रीनगर और जैसलमेर एयरपोर्ट, पठानकोट एयरबेस और भारत के कई महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान थे, लेकिन भारत के शानदार वायु रक्षा तंत्र ने उनके सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया।
भारतीय सेना के एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, जिसे ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया गया है, ने 7 और 8 मई की रात को पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन और मिसाइलों को कुशलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया। इससे पहले कि वे कोई नुकसान पहुंचा पाते, उन्हें नष्ट कर दिया गया। रक्षा सूत्रों ने स्पष्ट किया कि एस-400 सिस्टम पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए भारत के शस्त्रागार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पाकिस्तान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुई भारी क्षति के बाद बौखलाहट में इस तरह के आत्मघाती कदम उठा रहा है। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी शिविरों को हवाई हमलों में ध्वस्त कर दिया था।
भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, “7-8 मई, 2025 की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। इन सभी खतरों को इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया गया। पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन के अवशेष जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में कई स्थानों से बरामद किए जा रहे हैं, जो उनके नापाक इरादों का प्रमाण हैं।”
रक्षा सूत्रों ने यह भी सनसनीखेज खुलासा किया कि भारत ने पाकिस्तान के दो जेएफ-17 और एक एफ-16 लड़ाकू विमान को भी मार गिराया है। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तानी वायुसेना के एक एडवांस्ड एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमान को भी भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया और उसे नष्ट कर दिया है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों तक अपनी मिसाइलों से जोरदार हमले किए हैं। लाहौर, सियालकोट, इस्लामाबाद और कई अन्य पाकिस्तानी शहरों पर भारत ने सटीक हमले किए हैं, जिससे दुश्मन को भारी नुकसान हुआ है। यहां तक कि कराची में भी भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की है।
क्या है एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम?
एस-400 दुनिया के सबसे उन्नत लंबी दूरी के वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। इसका निर्माण रूस की अल्माज-एंते द्वारा किया गया है और इसे भारतीय सेना की स्ट्रैटेजिक एयर डिफेंस कमांड में शामिल किया गया है। यह सिस्टम फाइटर जेट, मिसाइल, ड्रोन और यहां तक कि बैलिस्टिक मिसाइलों सहित विभिन्न हवाई खतरों को ट्रैक करने, इंटरसेप्ट करने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह वायु रक्षा प्रणाली अलग-अलग दूरी और ऊंचाई पर लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, यही कारण है कि यह दुश्मन के हवाई हमलों के खिलाफ भारत का अभेद्य रक्षा कवच बना हुआ है।
एस-400 की प्रमुख विशेषताओं में मल्टी-टारगेट इंगेजमेंट शामिल है, जिसका अर्थ है कि यह अपने उन्नत रडार और मिसाइल सिस्टम का उपयोग करके एक साथ 36 लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। यह अपनी सबसे उन्नत मिसाइलों के साथ 400 किलोमीटर (250 मील) तक की दूरी पर लक्ष्यों का पता लगा सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है, जो इसे लंबी दूरी के खतरों के खिलाफ अत्यंत प्रभावी बनाता है। इस सिस्टम को मात्र पांच मिनट के भीतर सक्रिय किया जा सकता है, जो रूस के पिछले वायु रक्षा प्रणालियों की तुलना में दोगुनी प्रभावी है। एस-400 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह वायु सेना, थल सेना और नौसेना तीनों के उपयोग के लिए उपयुक्त है।
यह सिस्टम 0-30 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई खतरों को भी सफलतापूर्वक निशाना बना सकता है, जिसमें स्टील्थ विमान, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं। यह सिस्टम 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलने वाले लक्ष्यों को भी रोकने की क्षमता रखता है। इसे मोबाइल लॉन्चर पर स्थापित किया जाता है, जिससे इसे बहुत कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनात किया जा सकता है, जिससे विरोधियों के लिए इसकी सटीक स्थिति का पता लगाना और इसे निशाना बनाना अत्यंत कठिन हो जाता है। भारत का यह शक्तिशाली ‘सुदर्शन चक्र’ सीमा पर किसी भी हवाई दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।