भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.5% तक पहुंची

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सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर सितंबर-दिसंबर 2022 के दौरान बढ़कर 7.5% तक पहुंच गई है. यह पिछले तीन महीनों की तुलना में 0.2% अधिक है.

बेरोजगारी दर में वृद्धि चिंताजनक है, क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है. बेरोजगारी दर में वृद्धि के कारण देश की आर्थिक विकास दर धीमी हो सकती है और इससे गरीबी और असमानता बढ़ सकती है.

बेरोजगारी दर में वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक मंदी और देश में निवेश की कमी शामिल हैं.

कोविड-19 महामारी के कारण देश में कई व्यवसाय बंद हो गए और लाखों लोगों की नौकरी चली गई. महामारी के बाद भी कई व्यवसाय पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, जिसके कारण बेरोजगारी दर में वृद्धि हो रही है.

वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण भी भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, जिसके कारण बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है.

देश में निवेश की कमी भी बेरोजगारी दर में वृद्धि का एक कारण है. निवेश की कमी के कारण नए व्यवसाय स्थापित नहीं हो पा रहे हैं और मौजूदा व्यवसायों का विस्तार नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण नई नौकरियां पैदा नहीं हो पा रही हैं.

बेरोजगारी दर में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार को कई कदम उठाने चाहिए. सरकार को अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाना चाहिए, जिससे नए व्यवसाय स्थापित हों और मौजूदा व्यवसाय विस्तार कर सकें. सरकार को कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुए व्यवसायों को भी मदद देनी चाहिए.

सरकार को शिक्षा और कौशल विकास पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें. सरकार को श्रम कानूनों में भी सुधार करना चाहिए, ताकि व्यवसायों को आसानी से काम करने में मदद मिल सके.

बेरोजगारी दर में वृद्धि एक गंभीर समस्या है, जिसे हल करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना चाहिए.

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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