दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है. ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (SpaDex) के तहत उपग्रहों की सफलतापूर्वक ‘डॉकिंग’ (ISRO Docking) की गई है. इस ऐतिहासिक सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO को बधाई दी है.
PM मोदी की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से ISRO के वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को बधाई दी. उन्होंने लिखा, “उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग की सफलता के लिए ISRO के हमारे वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को बधाई. यह आने वाले सालों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.”
SpaDex ने अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की- केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इस उपलब्धि पर ISRO को बधाई दी है. उन्होंने X पर लिखा, “ISRO ने आखिरकार यह कर दिखाया! SpaDex ने अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है… डॉकिंग पूरी हो गई है और यह पूरी तरह स्वदेशी ‘भारतीय डॉकिंग सिस्टम’ है. इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान 4 और गगनयान समेत भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा. PM मोदी का निरंतर संरक्षण बेंगलुरु में उत्साह को बढ़ाता रहता है.”
ISRO की ऐतिहासिक उपलब्धि
डॉकिंग का अर्थ है दो वस्तुओं को अंतरिक्ष में आपस में जोड़ना. ISRO ने पहली बार दो छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में करीब लाकर डॉकिंग यानी कि जोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक किया है. ऐसा करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया है. यह उपलब्धि अब भारत के नाम रूस, अमेरिका और चीन के बाद दर्ज हो गई है.
‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ मिशन की शुरुआत
यह उल्लेखनीय है कि ISRO ने 12 जनवरी को उपग्रहों को ‘डॉक’ करने के परीक्षण के लिए दो अंतरिक्ष यानों को 3 मीटर की दूरी तक लाकर और फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेजा था. ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (SpaDex) मिशन को 30 दिसंबर, 2024 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था.
(इसरो की इस सफलता का महत्व)
- भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण: यह सफलता भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों, जैसे कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान-4, और गगनयान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह तकनीक इन मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायक होगी.
- स्वदेशी तकनीक: यह डॉकिंग पूरी तरह से स्वदेशी “भारतीय डॉकिंग सिस्टम” द्वारा की गई है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
- अंतरिक्ष में भारत की स्थिति मजबूत: इस सफलता ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की स्थिति को और भी मजबूत कर दिया है.