Advertisement

Advertisements

जेएनयू छात्र संघ चुनाव 2025: लेफ्ट गठबंधन का दबदबा, एबीवीपी ने भी मारी बाजी

Deepak Sharma
2 Min Read
जेएनयू छात्र संघ चुनाव 2025: लेफ्ट गठबंधन का दबदबा, एबीवीपी ने भी मारी बाजी

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव 2025 के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। एक बार फिर यूनाइटेड लेफ्ट गठबंधन ने सेंट्रल पैनल की तीन महत्वपूर्ण सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संयुक्त सचिव (जॉइंट सेक्रेटरी) का पद जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

आइसा के नीतीश कुमार बने अध्यक्ष

आइसा-डीएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार नीतीश कुमार (आइसा) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए अध्यक्ष पद (प्रेसिडेंट) अपने नाम किया। नीतीश को कुल 1702 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिखा (एबीवीपी) को 1430 वोट प्राप्त हुए।

See also  ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस लेने की तैयारी में जुटी मोदी सरकार

उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर लेफ्ट का कब्जा

उपाध्यक्ष (वाइस प्रेसिडेंट) पद पर भी यूनाइटेड लेफ्ट की मनीषा (डीएसएफ) ने जीत हासिल की। मनीषा को 1150 वोट मिले, जबकि एबीवीपी की नितु को 1116 वोट मिले। महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) पद के मुकाबले में मुन्तेहा फातिमा (डीएसएफ) ने यूनाइटेड लेफ्ट के लिए जीत दर्ज की। उन्हें 1520 वोट मिले, जबकि एबीवीपी के कुणाल राय को 1406 वोट प्राप्त हुए।

25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था और लगभग 5,500 छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 1  

संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी की जीत

संयुक्त सचिव (जॉइंट सेक्रेटरी) पद पर एबीवीपी को सफलता मिली। वैभव मीना (एबीवीपी) ने 1518 वोट हासिल कर यह पद अपने नाम किया।

See also  हिंदी के बाद अब मराठी में होगी एमबीबीएस, बीडीएस की पढ़ाई- महाराष्ट्र सरकार

काउंसिलर चुनावों में एबीवीपी का ऐतिहासिक प्रदर्शन

काउंसिलर चुनावों में एबीवीपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 23 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। 1999 के बाद से यह एबीवीपी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इन नतीजों से स्पष्ट है कि जेएनयू छात्र संघ में अभी भी लेफ्ट गठबंधन का दबदबा कायम है, हालांकि एबीवीपी ने भी संयुक्त सचिव पद जीतकर और काउंसिलर चुनावों में बड़ी संख्या में सीटें हासिल कर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। अब सभी की निगाहें नवनिर्वाचित छात्र संघ के कामकाज पर टिकी रहेंगी कि वे छात्रों के हितों के लिए किस प्रकार कार्य करते हैं।

Advertisements

See also  ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस लेने की तैयारी में जुटी मोदी सरकार
See also  महाराष्ट्र: पुणे में पकड़ी गई सोने की बड़ी खेप, कीमत 139 करोड़ रुपये
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement