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कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
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वे बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे।
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वे सामाजिक न्याय के लिए आवाज बुलंद करने वाले नेता थे।
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उन्होंने पिछड़े वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की।
केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पिछड़े वर्गों के नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को 100वीं जयंती है। इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उन्हें यह सम्मान देने का एलान किया है।
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के गोरखपुर गांव में हुआ था। वे बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे। पहली बार वे 1968 से 1970 तक और दूसरी बार 1977 से 1979 तक मुख्यमंत्री रहे।
कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में पिछड़े वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने 1978 में पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना की और 1979 में पिछड़ा वर्गों को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया।
कर्पूरी ठाकुर को उनके सामाजिक न्याय के कार्यों के लिए भारत के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को यह सम्मान दिया गया था।
कर्पूरी ठाकुर के सम्मान पर बिहार के लोगों में खुशी की लहर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह सम्मान बिहार के लोगों के लिए गर्व का विषय है।