सत्यपाल मलिक के लिए खाप पंचायतों ने संभाला मोर्चा, केंद्र सरकार को दिया अल्टीमेटम

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सहित चार प्रदेशों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक, शनिवार को करीब ढाई घंटे तक दिल्ली के आरके पुरम पुलिस थाने में बैठे रहे। पुलिस ने साफ कर दिया था कि पूर्व राज्यपाल को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मलिक के समर्थकों का दावा है कि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई खापों के प्रतिनिधि आरके पुरम थाने के बाहर एकत्रित हुए। इन प्रतिनिधियों ने कहा, केंद्र सरकार ने अगर मलिक के साथ कुछ भी गलत करने का प्रयास किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

सर्वजातीय कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला ने कहा, मलिक ने निडर होकर देश, समाज, किसान, गरीब और मजदूर तबके के हित में आवाज उठाई है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने जैसा साहसिक कार्य उन्हीं के राज्यपाल रहते हुए पूरा हुआ था। सभी खाप व किसान जत्थेदारी, सत्यपाल मलिक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। फिलहाल, खाप प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को सत्यपाल मलिक से जुड़ी कई मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दे दिया है। अगर सरकार, इन मांगों को नहीं मानती है, तो देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

See also  संतोष अजमेरा को अंतर्राष्ट्रीय चुनाव नागरिक सहभागिता पुरस्कार, भारतीय चुनाव प्रणाली को मिली वैश्विक मान्यता

केंद्र सरकार के समक्ष रखी गई हैं ये मांगें
पूर्व राज्यपाल मलिक को संविधान के अनुसार मिलने वाली वे सभी सुविधाएं दी जाएं, जिन्हें केंद्र सरकार ने छीना है। लिहाजा, सत्यपाल मलिक ने अनुच्छेद 370 हटाने का साहसिक कार्य किया है, इस वजह से उनकी जान को खतरा है। उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी मुहैया कराई जाए। अगर मलिक पर कोई हमला होता है, तो उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। हमला होने की स्थिति में देश शांत नहीं बैठेगा।

मलिक ने तथ्यों के साथ, केंद्र सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाए हैं, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और विपक्षी दलों से दो-दो सदस्यों की कमेटी बनाकर उसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए। यदि सरकार, इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो सभी खाप पंचायतें आगे की रणनीति तय करेंगी। इस बाबत राष्ट्रपति से मिलकर मांग पत्र सौंपा जाएगा।

See also  पिता की संपत्ति पर बेटी का हक: सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका या बस भ्रम? जानें 2005 के कानून का असली सच!
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement