अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के महानायकों का संघर्ष, जानें इन चेहरों ने कैसे तैयार की इसकी पृष्ठभूमि?

admin
3 Min Read

अयोध्या राम मंदिर आंदोलन भारत का एक प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक आंदोलन था, जिसका उद्देश्य अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करना था। यह आंदोलन 1980 के दशक में शुरू हुआ और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाप्त हुआ।

आंदोलन के महानायकों की संघर्ष कहानी:

राम मंदिर आंदोलन के पीछे कई पीढ़ियों का असंख्य बलिदान रहा है। लाखों रामभक्तों और कारसेवकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इस आंदोलन के महानायकों ने इस संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए कठिन परिश्रम किया और कई बार खतरों का सामना किया।

See also  सीमा हैदर पर जानलेवा हमला! 'जादूगरनी' कहकर युवक ने किया गला दबाने का प्रयास!

महंत अवैद्यनाथ:

महंत अवैद्यनाथ राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वह रामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के पहले अध्यक्ष और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को देशव्यापी विस्तार दिया और इसे एक जन आंदोलन का रूप दिया।

महंत रामचंद्र परमहंस दास:

महंत रामचंद्र परमहंस दास भी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने 1949 से रामलला के मंदिर के लिए कई बार आंदोलन किए। उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन को एक नया कलेवर दिया और इसे अमलीजामा पहनाने में अहम भूमिका निभाई।

देवराहा बाबा:

देवराहा बाबा भी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को एक नई ऊंचाई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1984 में इलाहाबाद में हुई धर्मसंसद की अध्यक्षता की, जिसमें 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख तय हुई थी।

See also  आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को लेकर भ्रम , आइये जाने सही तिथि

अशोक सिंघल:

अशोक सिंघल विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को एक राजनीतिक आंदोलन का रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकालकर राम मंदिर आंदोलन को एक जन आंदोलन का रूप दिया।

मोरोपंत पिंगले:

मोरोपंत पिंगले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को देशव्यापी विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिला पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें देश भर से लाखों लोग शामिल हुए।

कोठारी बंधु:

कोठारी बंधु भी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने 1990 में विवादित परिसर में बने बाबरी मस्जिद के गुंबद पर भगवा झंडा फहराया था। इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें पुलिस ने गोली मारकर मार डाला।

See also  Lok Sabha Election 2024: मल्लिकार्जुन खरगे बने 'INDI' गठबंधन के अध्यक्ष, बिहार के CM नीतीश कुमार ने संयोजक का प्रस्ताव ठुकराया
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement