आगरा: गर्मी के मौसम में जैसे-जैसे पारा चढ़ता है, वैसे-वैसे लोगों की नज़र पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी टिक जाती है। क्योंकि जब बाहर का तापमान झुलसाने लगे और ऊपर से पेट्रोल का रेट ₹100 के आसपास हो, तो कार या बाइक चलाना भी लग्जरी जैसा महसूस होने लगता है। लेकिन राहत की बात यह है कि 15 जून 2025 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
जी हां, अब तक ईंधन की कीमतों में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला है। चलिए जानते हैं इस स्थिरता के पीछे की वजहें, आपके शहर का ताजा रेट और आने वाले दिनों में कीमतें बढ़ेंगी या नहीं।
हर सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं कीमतें, ये फैक्टर करते हैं तय
भारत में पेट्रोल और डीजल की दरें हर रोज़ सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं। यह कीमतें कई फैक्टर पर निर्भर करती हैं जैसे:
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का रेट
- डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की स्थिति
- केंद्र और राज्य सरकार का टैक्स
- रिफाइनिंग और डिस्ट्रीब्यूशन खर्च
- डिमांड और सप्लाई
मई 2022 से अब तक क्यों नहीं बढ़े रेट?
आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतने समय से रेट कैसे एक जैसे बने हुए हैं? दरअसल, मई 2022 में केंद्र सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की थी और उसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी VAT में राहत दी थी। उसके बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगभग स्थिर हैं। इसके पीछे राजनीतिक रणनीति भी है और महंगाई को कंट्रोल में रखने का इरादा भी।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य फैक्टर
- कच्चा तेल (Crude Oil): भारत अपनी ज़रूरत का 85% कच्चा तेल आयात करता है। अगर इंटरनेशनल मार्केट में तेल महंगा होता है, तो घरेलू कीमतों पर असर पड़ता है।
- रुपया बनाम डॉलर: चूंकि तेल की खरीद डॉलर में होती है, इसलिए अगर रुपया कमजोर होता है तो इम्पोर्ट कॉस्ट बढ़ जाती है।
- टैक्स का बोझ: पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारें भारी टैक्स वसूलती हैं। यही वजह है कि हर राज्य में कीमतें अलग-अलग होती हैं।
- जैसे कि: मुंबई, कोलकाता, राजस्थान जैसे राज्यों में रेट ज़्यादा हैं।
- वहीं पुदुचेरी, अंडमान, चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों में कीमतें तुलनात्मक रूप से कम हैं।
- रिफाइनिंग और डिस्ट्रीब्यूशन: तेल को कच्चे रूप से रिफाइन कर पेट्रोल-डीजल बनाना और फिर पंप तक पहुँचाना – यह एक महंगा प्रोसेस है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज और वेंडर मार्जिन जैसे कई खर्च जुड़े होते हैं।
- डिमांड और सप्लाई: गर्मी, त्योहार, ट्रैवल सीज़न या ट्रांसपोर्ट सेक्टर की डिमांड बढ़ने पर कीमतों में हलचल हो सकती है। गर्मी के मौसम में AC और जनरेटर की वजह से भी डीजल की मांग बढ़ जाती है।
15 जून 2025: भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें
(नोट: यह दरें राज्य के टैक्स के अनुसार थोड़ी-बहुत अलग हो सकती हैं।)
कैसे जानें अपने शहर का ताजा रेट?
अगर आप चाहते हैं कि रोज़ाना आपके मोबाइल पर पेट्रोल-डीजल का ताजा रेट आए, तो सरकारी तेल कंपनियों की SMS सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- IOC ग्राहक:
RSP <शहर का कोड>
टाइप करें और 9224992249 पर भेजें। - BPCL ग्राहक:
RSP
लिखें और 9223112222 पर भेजें। - HPCL ग्राहक:
HPPRICE
लिखें और 9222201122 पर भेजें। कुछ ही सेकेंड में आपको आपके शहर का लेटेस्ट रेट SMS के ज़रिए मिल जाएगा।
क्या आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं रेट?
अब सबसे अहम सवाल – क्या पेट्रोल-डीजल फिर से महंगे हो सकते हैं? जानकारों की मानें तो अगर क्रूड ऑयल की इंटरनेशनल कीमतें बढ़ीं और रुपया और कमज़ोर हुआ, तो सरकार को कीमतों पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है। लेकिन अभी के लिए कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं। सरकार की कोशिश है कि आम आदमी पर सीधा बोझ न पड़े और महंगाई को कंट्रोल में रखा जाए।
15 जून 2025 को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है, जो उपभोक्ताओं के लिए एक राहत की खबर है। हालांकि, आने वाले दिनों में ग्लोबल मार्केट और रुपये की स्थिति पर नज़र रखनी होगी। अगर आप अक्सर ट्रैवल करते हैं या आपका खर्च पेट्रोल-डीजल पर ज़्यादा होता है, तो आपको रोज़ाना कीमतें चेक करते रहना चाहिए।