नई दिल्ली: अगर आप एटीएम या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद ज़रूरी है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मई 2025 में जारी नई गाइडलाइंस के बाद, बैंकों ने कई नए शुल्क लागू कर दिए हैं, जिनका असर अब हर ग्राहक को महसूस होने लगा है. ICICI बैंक, HDFC बैंक और अन्य बड़े निजी बैंकों ने एटीएम लेनदेन, IMPS ट्रांजेक्शन, क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल और यहां तक कि कैश जमा करने पर भी नए नियम लागू किए हैं.
एटीएम से कैश निकालना हुआ महंगा
पहले जहां एटीएम से अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹21 का शुल्क लगता था, अब वही बढ़कर ₹23 हो गया है. नए नियम कुछ इस प्रकार हैं:
- अपने बैंक के एटीएम से: हर महीने 5 फ्री ट्रांजेक्शन.
- मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से: 3 बार फ्री ट्रांजेक्शन.
- नॉन-मेट्रो क्षेत्रों में अन्य बैंकों के एटीएम से: 5 बार की छूट.
- इन सीमाओं के बाद, हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹23 का शुल्क देना होगा.
इसका सीधा मतलब है कि अब आपको हर बार एटीएम इस्तेमाल करने से पहले सोचना पड़ेगा, खासकर यदि आप महीने में कई बार कैश निकालते हैं.
ICICI बैंक के चार्ज में बदलाव
ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए कुछ अहम नियम बदले हैं:
- 5 फ्री ट्रांजेक्शन के बाद हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹23.
- नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (जैसे बैलेंस चेक करना) पर कोई शुल्क नहीं.
- ब्रांच या कैश डिपॉजिट मशीन से महीने में केवल 3 बार कैश जमा करना मुफ्त है, उसके बाद ₹150 प्रति ट्रांजेक्शन.
IMPS पर नए स्लैब में चार्ज
अब जब भी आप IMPS के ज़रिए पैसा भेजेंगे, तो उसके अमाउंट के हिसाब से आपको चार्ज देना होगा:
यदि आप महीने में ₹1 लाख से ज़्यादा कैश जमा करते हैं, तो हर ₹1,000 पर ₹3.50 का शुल्क देना होगा. अधिकतम शुल्क ₹150 तक तय किया गया है.
HDFC बैंक ने भी क्रेडिट कार्ड यूज़र्स के लिए की सख्ती
क्रेडिट कार्ड से जुड़े कुछ नए नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए हैं जो गेमिंग ऐप्स, वॉलेट्स और रेंट पेमेंट के लिए कार्ड का इस्तेमाल करते हैं:
- Dream11, MPL जैसी गेमिंग ऐप्स पर ₹10,000 से ऊपर खर्च करने पर 1% सरचार्ज.
- Paytm, Mobikwik जैसे डिजिटल वॉलेट्स पर भी यही चार्ज लागू है.
- हर महीने अधिकतम ₹4,999 तक का शुल्क.
- घर के किराए पर क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर भी 1% अतिरिक्त चार्ज.
- ₹15,000 से ज़्यादा के फ्यूल या ₹50,000 से ज़्यादा के बिजली-पानी के बिल पर भी 1% अतिरिक्त शुल्क.
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
अब जब बैंकिंग चार्ज बढ़ गए हैं, तो ग्राहकों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना बेहद ज़रूरी है. यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपकी जेब पर असर कम कर सकते हैं:
- एटीएम से ज़्यादा कैश निकालने के बजाय UPI या नेट बैंकिंग का अधिक इस्तेमाल करें.
- महीने की शुरुआत में कैश की ज़रूरत का अंदाज़ा लगाकर कम ट्रांजेक्शन में ही पूरा निकालें.
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल वॉलेट लोडिंग, गेमिंग या रेंट पेमेंट में कम से कम करें.
- बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाकर हर चार्ज का अपडेट पढ़ते रहें.
बदलाव के पीछे RBI की सोच
RBI और बैंकों का मकसद है कि लोग ज़्यादा से ज़्यादा डिजिटल पेमेंट की तरफ़ शिफ्ट करें और अनावश्यक कैश ट्रांजेक्शन कम हों. इससे न केवल बैंकों का सिस्टम आसान होता है बल्कि ग्राहकों की फाइनेंशियल आदतें भी सुधरती हैं.
ये बातें ज़रूर याद रखें:
- एटीएम ट्रांजेक्शन लिमिट के बारे में जान लें.
- IMPS ट्रांजेक्शन के समय चार्ज ज़रूर जांचें.
- क्रेडिट कार्ड खर्च करने से पहले सरचार्ज की जानकारी ज़रूर लें.
- ऑनलाइन बैंकिंग और UPI को रोज़मर्रा के लेनदेन में प्राथमिकता दें.
- महीने में एक बार बैंक की वेबसाइट पर जाकर चार्ज स्ट्रक्चर चेक करें.
एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड आज हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन नए नियमों के तहत बिना सोचे-समझे इस्तेमाल करना जेब पर भारी पड़ सकता है. अगर आप थोड़ी प्लानिंग से ट्रांजेक्शन करें, डिजिटल टूल्स का ज़्यादा इस्तेमाल करें और बैंक के नियमों को समझें, तो इन चार्जेज का असर कम किया जा सकता है.