लाहौर हाई कोर्ट ने भगत सिंह को दी गई सजा के मामले को दोबारा खोलने की याचिका पर आपत्ति जताई

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

लाहौर : लाहौर हाई कोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह को 1931 में दी गई सजा के मामले को दोबारा खोलने और उन्हें मरणोपरांत सरकारी सम्मान दिए जाने की मांग करने वाली याचिका पर आपत्ति जताई है। कोर्ट का कहना है कि यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है।

याचिकाकर्ताओं में शामिल भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी ने कहा कि वरिष्ठ वकीलों के समूह की याचिका लाहौर हाई कोर्ट में एक दशक से लंबित थी। उन्होंने कहा कि जस्टिस शुजात अली खान ने 2013 में वृहद पीठ के गठन के लिए मामला मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया था। राष्ट्रीय महत्व के इस मामले को पूरी पीठ के सामने रखना चाहिए।

See also  अलकायदा लेगा अतीक-अशरफ की हत्या का बदला, पत्र से दी धमकी

हालांकि, लाहौर हाईकोर्ट ने इस पर शीघ्र सुनवाई और बड़ी पीठ के गठन पर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने कहा कि यह याचिका बड़ी पीठ के गठन के लिए सुनवाई योग्य नहीं है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि भगत सिंह को सांडर्स हत्या मामले में निर्दोष प्रमाणित कराने के लिए वे अडिग हैं। दरअसल, 23 मार्च, 1931 को ब्रिटिश शासन के विरुद्ध षडयंत्र रचने के आरोप में ब्रिटिश शासकों ने भगत सिंह, उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी थी। इस मामले में भगत सिंह को शुरू में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में एक मनगढ़ंत मामले में फांसी की सजा दी गई।

See also  अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सीक्रेट सर्विस के नए मुखिया के रूप में शॉन क्यूरन को नियुक्त किया, बहादुरी का इनाम दिया, बचाई थी ट्रम्प की जान

याचिका में कहा गया है कि भगत सिंह ने उपमहाद्वीप की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था। उपमहाद्वीप में भगत सिंह न केवल सिखों और हिंदुओं, बल्कि मुस्लिमों के लिए भी सम्माननीय हैं। वकील इम्तियाज ने कहा कि भगत सिंह के मामले की सुनवाई करने वाले ट्रिब्यूनल के न्यायाधीशों ने 450 गवाहों को सुने बिना ही फांसी की सजा सुना दी थी। उनके वकीलों को भी गवाहों को जिरह करने का अवसर नहीं दिया गया।

क्या याचिका खारिज होगी?

लाहौर हाई कोर्ट की आपत्ति के बाद यह सवाल उठता है कि क्या याचिका खारिज हो जाएगी? इस सवाल का जवाब कोर्ट ही दे सकता है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि वे हार मानने वाले नहीं हैं और वे भगत सिंह को न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे।

See also  Vishwa Samskritam Dinam:
TAGGED: , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment