लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई बने डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी), DGMO का भी पद संभालेंगे

Pradeep Yadav
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लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई बने डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी), DGMO का भी पद संभालेंगे

नई दिल्ली: भारतीय थल सेना के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) नियुक्त किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने 9 जून को यह घोषणा की कि लेफ्टिनेंट जनरल घई सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका में भी काम करना जारी रखेंगे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान से युद्ध विराम की बात करने वाले अफसर

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इंडियन आर्मी के वही वरिष्ठ अफसर हैं जिनसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने एयरबेसों पर भारत के हमलों के दौरान युद्ध विराम के लिए संपर्क किया था। इस वर्ष के आरंभ में, 4 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें उत्तम युद्ध सेवा पदक (UYSM) से सम्मानित किया था, जो उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा का प्रमाण है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ गोलीबारी बंद होने की घोषणा के दो दिन बाद 12 मई को एक प्रेस वार्ता में लेफ्टिनेंट जनरल घई ने भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों और समन्वित प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से बात की थी।

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नया पद: डिप्टी-चीफ (स्ट्रैटेजी)

डिप्टी-चीफ (स्ट्रैटेजी) एक नया पद है, जो भारतीय सेना के ऑपरेशन एंड इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट (संचालन और खुफिया निदेशालय) के अलावा अन्य महत्वपूर्ण विंग की देखरेख करेगा। रक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पद भारतीय सेना में सबसे महत्वपूर्ण नियुक्तियों में से एक माना जाता है, जो सेना की रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करेगा।

मणिपुर का दौरा और ‘होल गवर्नमेंट अप्रोच’

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने इस वर्ष 25 फरवरी को मणिपुर का भी दौरा किया था, ताकि राज्य में सुरक्षा स्थिति का आकलन किया जा सके, विशेषकर भारत-म्यांमार सीमा पर। उन्होंने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, राज्य सुरक्षा सलाहकार, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें की थीं। संघर्ष प्रभावित क्षेत्र के दौरे का उद्देश्य भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा करना तथा सीमा अवसंरचना परियोजनाओं (Border Infrastructure Projects) की स्थिति का आकलन करना था।

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उन्होंने अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों के प्रबंधन के लिए ‘होल गवर्नमेंट अप्रोच’ (समग्र सरकारी दृष्टिकोण) के महत्व पर बल दिया था, जिसमें सभी सरकारी एजेंसियों का समन्वय शामिल है।

सैन्य करियर और महत्वपूर्ण भूमिकाएँ

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कुमाऊं रेजिमेंट के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं। उन्होंने अपने सैन्य करियर में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनल भूमिकाएं निभाई हैं। डीजीएमओ बनने से पहले, चिनार कॉर्प्स के जीओसी के रूप में, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने पिछले साल 25 अक्टूबर को डीजीएमओ के रूप में अपनी भूमिका संभाली थी। भारत और इसकी सीमाओं पर सभी सैन्य अभियानों की देखरेख के लिए डीजीएमओ ही जिम्मेदार होते हैं।

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