नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र दिवाली के दिन चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर सकता है। 25 अक्टूबर को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में इसके टकराने की आशंका को देखते हुए इससे निपटने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सिलसिले में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक हुई। बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अंडमान निकोबार के मुख्य सचिवों के साथ ही आंध्रप्रदेश के विशेष सचिव मौजूद थे।
तूफान से निपटने की हो रही है तैयारी
कैबिनेट सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्यों को तूफान से निपटने की तैयारी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी व्यक्ति की इसमें जान नहीं जाए। वहीं बिजली और टेलीकाम जैसे आधारभूत संचरनाओं के क्षतिग्रत होने की स्थिति में उन्हें तत्काल दुरुस्त किया जा सके।
एनडीआरएफ की टीमों की हो रही है तैनाती
राज्यों ने बताया कि तूफान के संभावित रास्ते में एनडीआरएफ की टीमों तैनात की जा रही है। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन को सजग कर दिया गया है। मछुआरों को तत्काल वापस लौटने के निर्देश भी जारी किये जा चुके हैं। राजीव गौबा ने राज्यों को हर संभव सहायता का निर्देश दिया और कहा कि जरूरत की स्थिति में मदद के लिए सेना, नौसेना को भी तैयार रहने को कह दिया गया है।
ओडिशा तट से टकराने की सम्भावना कम
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक, चक्रवात ओडिशा के तटीय क्षेत्र के रास्ते पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की तरफ बढ़ जाएगा। इसको ओडिशा तट से टकराने की सम्भावना बहुत कम है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तरी अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। यह धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है ।