मठाधीशों ने ताइक्वांडो पर लगाया अब तक का सबसे बड़ा बदनुमा दाग़, पोती कालिख़, पीटी उषा ने जानकारी मिलते ही 50% ऑफिशल्स को किया रिमूव
– ताइक्वांडो की प्रतिभाओं को कुचलकर पदकों को रुपयों से तौला जा रहा, यह बेहद दुर्भाग्य पूर्ण : संजय शर्मा
– आरडी मंगेशकर और उनके चौकड़ी ने ताइक्वांडो पर लगा दिया अब तक का सबसे बड़ा दाग
– नेशनल गेम्स में खुलेआम बेचे जा रहे तीन, दो और एक लाख रुपये में पदक, भाइयों के अध्यक्ष को हुई जानकारी तो लिया बड़ा फैसला
– देश में खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में ताइक्वांडो के मठाधीशों ने दिखाई अपनी बाजीगरी, अब मुंह छुपाते घूम रहे
प्रदीप कुमार रावत
Agra News : उत्तराखंड में इन दिनों 38 वें राष्ट्रीय खेल चल रहे हैं। इन खेलों में शिरकत करने के लिए देश के एथलीट्स ओलंपिक की तरह तैयारियां करते हैं, करें भी क्यों नहीं, भारत के सबसे बड़े खेल समारोह में प्रतिभाग करने के साथ साथ पदक जीतने का भी मौका मिलता है। इन खेलों में ओलंपियन भी खेलते हैं। सोमवार को शूटिंग में ओलंपिक में कहां से पदक जीतने वाले सरबजोत को एक अनजान 15 वर्षीय युवा जोनाथन एंथनी गाविन ने हराकर स्वर्ण पदक झटक कर सनसनी मचा दी है, क्या ऐसी सनसनी ताइक्वांडो में संभव है…?? जी हां, ताइक्वांडो वही खेल जो पिछले 5 वर्षों से सुर्खियों और विवादों में है। 38वें राष्ट्रीय खेलों में भी ताइक्वांडो के मठाधीशों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, यहां पर उन्होंने एक बड़ा दाग लगा दिया। जिसके चलते आई ओ ए अध्यक्ष पीटी उषा तत्काल निर्णय लेते हुए ताइक्वांडो के एक मठाधीश को कमेटी के महत्वपूर्ण पाठ से हटाते हुए दूसरे व्यक्ति को चयनित कर ठाकुर इवेंट की ईमानदारी को ईमानदारी के साथ आयोजन करने की जिम्मेदारी दी है।
बेशक इस समय ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (मंगेशकर गुट एंड कंपनी ) को भारतीय ओलंपिक संघ और भारत सरकार से संबंद्धता नहीं हो लेकिन इन मठाधीशों को एक बड़ी उपलब्धता तब मिल गई जब कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय खेलों के आयोजन कराने की बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई। इन्होंने इस का नाजायज लाभ लेने के लिए पूरी रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया। इसके लिए तथाकथित टीएफआई महासचिव आरडी मंगेशकर ने अपने चहेतों को राष्ट्रीय खेलों की पूरी कमेटी में पहुंचा दिया गया जिसके बाद कमाई का ऐसा खेल शुरू हुआ जिसने अब तक के सभी बदनुमा दागों से भी आगे जाकर कालीख पोत दी। आर डी मंगेशकर के मठाधीशों की इस चौकड़ी ने राष्ट्रीय खेलों के पदकों का ही सौदा कर डाला। जब यह बात भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के पास पहुंची तो हड़कंप मच गया। उन्होंने आनन – फानन में राष्ट्रीय खेलों के ताइक्वांडो इवेंट निदेशक टी. प्रवीन सहित 50 % ऑफिसियल को हटाते हुए पांडिचेरी के अंतरराष्ट्रीय रेफरी एस देश कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी है। अब एस. दिनेश कुमार की जिम्मेदारी है कि वह ताइक्वांडो इवेंट को ईमानदारी, निष्पक्षता एवं बगैर किसी भेद-भाव के संपन्न कराएं।
यह बड़ी कार्रवाई आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने इसलिए की, उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभा कर रहे ताइक्वांडो एथलीट्स ने मेल के माध्यम से GTCC को यह जानकारी उपलब्ध करा दी के ताइक्वांडो इवेंट में आयोजन से पहले ही खिलाड़ियों को मिलने वाले स्वर्ण रजत और कांस्य पदकों का सौदा कर दिया गया है। खिलाड़ियों द्वारा बताया गया कि इसके लिए खिलाड़ियों से स्वर्ण पदक के लिए 3 लाख, रजत के लिए 2 लाख और काँस्य पदक के लिए ₹1लाख की मोटी धनराशि ली गई है। भारत में ताइक्वांडो गेम पर यह अब तक का सबसे बड़ा बदनुमा दाग है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में इसकी गूंज पहुंची है, ताइक्वांडो पर ऐसा बदनुमा काला दाग लगाने के बाद भी मठाधीशों पर कोई भी प्रभाव पड़ता नहीं दिखाई दे रहा।
राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो के पदकों की नीलामी को लेकर जब हरियाणा के वरिष्ठ खिलाड़ी, कोच और खेल विशेषज्ञ प्रभाकर से बात की गई तो उन्होंने आर डी मंगेशकर की बॉडी को लेकर कहा कि जो भ्रष्टाचार के आखंट में डूबे हुए हैं उन्हें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी एवं ट्रायल की जिम्मेदारी मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने साफ कहा कि इन लोगों को ताइक्वांडो और खिलाड़ियों के भविष्य की कोई फिक्र नहीं है, इन ताइक्वांडो मठाधीशों के लिए सर्वप्रथम अपने खुद के हित हैं। यही कारण है कि इन लोगों ने अब तक का सबसे बड़ा दाग लगा दिया है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर या अब तक का सबसे बड़ा काला दाग है, जो भविष्य में भी अपना प्रभाव छोड़ेगा और पूरी दुनिया में भारत की गरिमा को खंड-खंड करेगा।
वहीं जब इस मामले पर झारखंड के महासचिव संजय शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने बेबाकी के साथ कहा कि हम तो पहले से ही कहते रहे हैं कि यह लोग भ्रष्टाचार की मांद में डूबे हुए हैं। हमारी बातों पर कोई गौर नहीं करता था लेकिन आप यह आईओए ने खुद ही साबित कर दिया है कि मंगेशकर और उनके लोग ताइक्वांडो के हितेषी नहीं बल्कि इस खेल को एक व्यापार बनाकर आगे बड़ा रहे हैं। संजय शर्मा कहते हैं कि अब तो देश के वरिष्ठ खिलाड़ियों और शुभचिंतकों की आंखें खुल जानी चाहिए।
संजय शर्मा ने बताया कि जो लोग हम पर आरोप लगाते थे, हम पर तो आरोप सिद्ध नहीं हुई लेकिन उन्होंने भारत में ताइक्वांडो पर ऐसी कालिख़ पोती है जो मिठाए नहीं हटेगी। यह अब तक का सबसे बड़ा कलंक है। जो खिलाड़ियों वर्षों तक अथाह कड़ी मेहनत करते हैं, उनकी प्रतिभा को कुचलकर पैसे से तौला जा रहा है। इसमें कहीं ना कहीं आईओए की पूर्व की गलतियां हैं। संजय शर्मा ने जोर देकर कहा कि इन लोगों ने भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में ताइक्वांडो पर दाग़ लगाया है, जिसकी गूंज से पूरी दुनिया में भारत की बदनामी होना निश्चित है।