केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है। इस स्कीम के तहत, यदि कोई कर्मचारी 25 साल तक सेवा करता है, तो उसे रिटायरमेंट के समय नौकरी के आखिरी 12 महीनों के औसत वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना से 23 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
नई पेंशन स्कीम की विशेषताएं:
- सुनिश्चित राशि: UPS के तहत कर्मचारियों को एक सुनिश्चित पेंशन, परिवार के लिए पेंशन, न्यूनतम पेंशन, महंगाई दर के अनुसार पेंशन वृद्धि, और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्यूटी के अलावा एक सुनिश्चित राशि प्राप्त होगी।
- OPS से अंतर: UPS पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की तरह होगी, लेकिन इसमें कर्मचारियों को एनपीएस की तरह 10 प्रतिशत योगदान देना होगा। सरकार ने पेंशन फंड में अपना योगदान 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया है।
- न्यूनतम पेंशन: UPS के तहत न्यूनतम पेंशन राशि 10 हजार रुपये होगी। सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी के अलावा छह महीने का वेतन भी एकमुश्त मिलेगा।
UPS का कार्यान्वयन
- लागू होने की तारीख: यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
- वित्तीय बोझ: इस नई स्कीम के लागू होने से केंद्र सरकार पर वर्ष 2025-26 के दौरान 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
एनपीएस और UPS का विकल्प
एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को UPS स्वीकार करने का विकल्प मिलेगा। इससे पहले एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी UPS के लाभ प्राप्त होंगे।
राज्य सरकारों की संभावनाएं
अगर राज्य सरकारें चाहें तो वे भी इस मॉडल को अपनाकर अपने कर्मचारियों के लिए UPS लागू कर सकती हैं। इससे देशभर में 90 लाख राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी लाभ मिल सकता है।
समीक्षा और रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने 2022 में पूर्व वित्त सचिव टीवी स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी जिसने एनपीएस की समीक्षा की और UPS पर रिपोर्ट तैयार की।
विपक्ष पर टिप्पणी
अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनकी हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने एनपीएस की जगह OPS लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने पेंशन के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए UPS को लागू करने का निर्णय लिया।
इस नई स्कीम से कर्मचारियों को एक सुनिश्चित और लाभकारी पेंशन व्यवस्था प्राप्त होगी, जो आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी।