शत्रु प्रॉपर्टी बेचकर 1 लाख करोड़ रुपये की कमाई करेगी मोदी सरकार, देश में सबसे ज्यादा शत्रु प्रॉपर्टी यूपी में

Dharmender Singh Malik
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘शत्रु प्रॉपर्टी को बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसी कुल 12,611 संपत्तियों को चिह्नित किया गया है जो 20 राज्यों में फैली हैं। अब तक मोदी सरकार ने केवल चल शत्रु संपत्ति जैसे सोना और शेयरों को बेचकर ही 3,400 करोड़ रुपये की कमाई की है। हालांकि, अब मोदी सरकार मकान, जमीन व अन्य अचल संपत्तियों को बेचने के लिए कमर कस चुकी है। इनकी बिक्री के संबंध फैसला लेने के लिए मोदी सरकार ने 2020 में एक मंत्री स्तरीय समिति का गठन किया था जिसके अध्यक्ष गृह मंत्री अमित शाह हैं। इन्हें बेचकर सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है।

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सबसे ज्यादा शत्रु प्रॉपर्टी उत्तर प्रदेश में हैं। यहां ऐसी 6255 अचल संपत्तियां हैं। इसके बाद बंगाल में 4,088,दिल्ली में 659, गोवा में 295, महाराष्ट्र में 208, तेलंगाना में 158, गुजरात में 151, त्रिपुरा में 105, बिहार में 94, मध्यप्रदेश में 94, छत्तीसगढ़ में 78 हरियाणा में 71, केरल में 71, उत्तराखंड में 69, तमिलनाडु में 67, मेघालय में 57, असम में 29, कर्नाटक में 24, राजस्थान में 22, झारखंड में 10, दमन-दीव में 4 और आंध्र प्रदेश व अंडमान-निकोबार में 1-1 शत्रु प्रॉपर्टी है।

1965 और 1971 के युद्ध के बाद भारत से पाकिस्तान में बड़ी संख्या में पलायन हुआ। जो लोग भारत में अपने घर व फैक्ट्रियां छोड़कर पाकिस्तान के नागरिक बन गए उनकी संपत्तियों को भारतीय रक्षा अधिनियम 1962 के तहत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। इन्हीं संपत्तियों को ‘शत्रु प्रॉपर्टी’ कहा जाता है। यह बात केवल उन पर ही लागू नहीं हुई जो पाकिस्तान गए बल्कि 1962 के युद्ध के बाद चीन में बसने वाले भारतीयों की संपत्ति को भी शत्रु प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान के साथ इस पर एक समझौता करने का भी प्रयास किया गया। 1966 में ताशकंद में दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि उन लोगों कि संपत्तियां वापस की जाएगी, जो युद्ध के बाद भारत-पाकिस्तान में फंस गई हैं।

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ऐसा इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि पाकिस्तान ने 1971 में अपनी तरफ की उन सारी संपत्तियों को बेच दिया जो भारत आ चुके भारतीयों की थी। इसके बाद भारत ने भी समझौते से अपने पैर पीछे खींच लिए। फिलहाल जो 12,611 शत्रु प्रॉपर्टी हैं, उनमें से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों और 126 चीनी नागरिकों की हैं।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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