समृद्धि एक्सप्रेस-वे में 100 दिन में 900 से ज्यादा दुर्घटनाएं, अब तक गई 31 लोगों की जान

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

ड्राइवर की अनिवार्य काउंसलिंग शुरु करने की तैयारी

पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद शुरुआती 100 दिनों में नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे पर 900 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें अब तक 31 लोगों की जान गई है। इसकी जानकारी महाराष्ट्र सरकार के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के सर्वे से पता चली है। ये आंकड़े 20 मार्च, 2023 तक के हैं। इन दुर्घटनाओं को ध्यान में रखकर अधिकारियों ने अब एक्सप्रेसवे के सभी प्रवेश द्वार पर ड्राइवर की अनिवार्य काउंसलिंग शुरू करने का निर्णय लिया है। समृद्धि एक्सप्रेसवे के पहले खंड शिरडी के हिस्से का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 दिसंबर को किया था।

राज्य परिवहन विभाग और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के अधिकारियों ने समीक्षा बैठक की। वहीं बैठक की अध्यक्षता करने से ठीक एक दिन पहले, उप परिवहन आयुक्त भरत कलास्कर ने एक्सप्रेसवे का निरीक्षण करने के लिए करीब 500 किलोमीटर की यात्रा की।

See also  राज्यसभा में संविधान बहस: निर्मला सीतारमण ने इंदिरा गांधी की चुनावी हार पर दी प्रतिक्रिया, जयराम रमेश को दिया जवाब

बैठक में निर्णय लिया गया कि एक्सप्रेसवे के सभी आठ प्रवेश पोस्ट पर ड्राइवरों की अनिवार्य काउंसलिंग आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग का ज्यादा फोकस ओवरस्पीडिंग पर कंट्रोल लगाने पर होगा। इसके लिए नागपुर-शिर्डी खंड में आठ परामर्श केंद्र बनाए जाएंगे। प्रत्येक जिले में एक केंद्र अगले सात दिनों में स्थापित किया जाएगा। आरटीओ अधिकारियों द्वारा ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाने के लिए ड्राइवरों के लिए 30 मिनट से 1 घंटे का परामर्श सत्र होगा। जो कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं होने का बड़ा कारण है।

परामर्श सत्र सड़क सुरक्षा पर एक लघु फिल्म के साथ शुरू होगा। जिसके बाद ड्राइवर के जरिए प्रश्न पत्र हल किया जाएगा और खतरनाक ड्राइविंग में शामिल नहीं होने की शपथ दिलाई जाएगी। चालकों को टायरों के कम/अधिक फुल जाने और घिसे-पिटे टायरों के खतरों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बोर्ड लगाने के लिए एमएसआरडीसी को कई निर्देश भी दिए। इस दौरान 11 दिसंबर, 2022 से 20 मार्च, 2023 तक समृद्धि एक्सप्रेसवे के दुर्घटना के आंकड़ों को खंगाला गया। जिसके मुताबिक वाहनों की तेज स्पीड के कारण हुई यांत्रिक खराबी के कारण 400 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं।

See also  महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनी अलका लांबा

वहीं टायर पंक्चर और टायर फटने के कारण क्रमशः 130 और 108 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं। इस तरह, यातायात के लिए खोले गए एक्सप्रेसवे के हिस्से पर ईंधन से चलने वाले वाहनों ने 14 फीसदी (126) दुर्घटनाओं में योगदान दिया। हालांकि सर्वे के मुताबिक कोई अलग डेटा साझा नहीं किया गया था। समृद्धि महामार्ग पर दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में पीछे से लड़ने पर दुर्घटनाएं, ड्राइवरों का सो जाना, तकनीकि खराबी होना या फिर वाहन के सामने जानवरों का अचानक आ जाना शामिल था।

See also  राज्यसभा में संविधान बहस: निर्मला सीतारमण ने इंदिरा गांधी की चुनावी हार पर दी प्रतिक्रिया, जयराम रमेश को दिया जवाब
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment