Advertisement

Advertisements

वक्फ बिल पर देशव्यापी घमासान, थलापति विजय भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, 16 अप्रैल को सुनवाई

Deepak Sharma
5 Min Read
वक्फ बिल पर देशव्यापी घमासान, थलापति विजय भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, 16 अप्रैल को सुनवाई

नई दिल्ली: देश भर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। कई राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में तो विरोध ने हिंसक रूप भी ले लिया है। इस बीच, इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ लोग अब न्यायपालिका का दरवाजा खटखटा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में, दक्षिण भारतीय सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता से नेता बने थलापति विजय भी वक्फ एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

अभिनेता विजय के नेतृत्व वाली राजनीतिक पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (Thamizhaga Vetri Kazhagam) शुरुआत से ही वक्फ विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है। पार्टी ने पहले भी केंद्र सरकार से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की थी। तमिलगा वेत्री कझगम का आरोप है कि यह नया कानून मुसलमानों के अधिकारों का हनन करेगा।

See also  करोड़ों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! ईपीएफओ ने 2023-24 के लिए ब्याज दर 8.25% तय की

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की बाढ़, 16 अप्रैल को सुनवाई

वक्फ विधेयक को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिन पर आगामी 16 अप्रैल को महत्वपूर्ण सुनवाई होने वाली है। इन याचिकाओं में मुख्य रूप से यह दावा किया गया है कि यह वक्फ कानून मुसलमानों के साथ भेदभावपूर्ण है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अभिनेता थलापति विजय ने भी इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की है।

इन प्रमुख नेताओं ने भी दायर की हैं याचिकाएं

वक्फ कानून के खिलाफ विपक्षी दलों का विरोध लगातार जारी है और कई प्रमुख नेताओं ने इस कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इनमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर एक महत्वपूर्ण याचिका भी शामिल है। ओवैसी ने अपनी याचिका में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।

ओवैसी के अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा की तरफ से भी इस कानून के खिलाफ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं, जिन्हें सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की तरफ से कुछ अन्य याचिकाओं को भी जल्द ही पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना बाकी है।

See also  लोकसभा चुनाव: नीतीश की पलटी के बाद सपा-कांग्रेस में सीट बंटवारा अटका, कहां फंसा पेंच?

संसद में भी देखने को मिला था भारी हंगामा

गौरतलब है कि इस विधेयक को जब संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – में पेश किया गया था, तो उस दौरान भारी हंगामा देखने को मिला था। विपक्षी दलों के सांसदों ने एकजुट होकर इस विधेयक के खिलाफ लगातार नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि, सरकार ने दोनों सदनों में अपने बहुमत के दम पर इस विधेयक को पारित कराने में सफलता हासिल की थी। राज्यसभा में इस विधेयक के समर्थन में 128 वोट पड़े थे, जबकि 95 सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया था। वहीं, लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे। संसद से पारित होने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा गया था, और राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन गया है।

See also  डॉ. गौरव संजय ने वर्ल्ड ऑर्थोपीडिक कांग्रेस में भारत में सड़क दुर्घटनाओं के शोध पत्र प्रस्तुत कि

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं, जहां 16 अप्रैल को इस विवादास्पद वक्फ कानून पर सुनवाई होने वाली है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शीर्ष अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या इस नए कानून पर कोई अंतरिम रोक लगाई जाती है या नहीं। थलापति विजय जैसे लोकप्रिय अभिनेता का इस विरोध में शामिल होना निश्चित रूप से इस मुद्दे को और अधिक राष्ट्रीय ध्यान दिलाएगा।

Advertisements

See also  यूपी उपचुनाव के लिए बीजेपी ने प्रत्याशियों की सूची जारी की
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement