नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने शुरू कर दी प्रेशर पॉलिटिक्स, लोकसभा अध्यक्ष पद पर ठोका दावा ?

नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू

Manisha singh
3 Min Read

नईदिल्ली । केंद्र में एनडीए की लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू की भूमिका बढ़ गई है। दोनों ही दलों ने लोकसभा अध्यक्ष का पद लेने के लिए दबाव बनाने का फैसला किया है। ANI ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से इसका खुलासा किया है। सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों ने भाजपा नेतृत्व को पहले ही संकेत दे दिया है कि अध्यक्ष पद गठबंधन के सहयोगियों को दिया जाना चाहिए।

Also Read : UP Chunav Results 2024: उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरे छह में से पांच मुस्लिम बने सांसद

आपको बता दें कि 1990 के दशक के आखिर में जब अटल बिहारी वाजपेयी गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रहे थे तब टीडीपी के जीएमसी बालयोगी को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया था।

See also  Agra News: एबीवीपी छात्र सम्मेलन में युवाओं ने भरी हुंकार

सूत्रों ने बताया कि दोनों दलों ने यह कदम गठबंधन सहयोगियों को भविष्य में किसी भी संभावित विभाजन से बचाने के लिए उठाया है। दलबदल विरोधी कानून में अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती। सूत्रों ने बताया कि टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के कुछ अन्य सहयोगियों से भी बात की है।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि नायडू और नीतीश कुमार बुधवार को नई दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में आधिकारिक तौर पर इस मांग को उठाएंगे या नहीं। दोनों नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।

See also  चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण, गगनयान-1 के लिए मील का पत्थर साबित होता

Also Read : UP Lok Sabha Chunav Result 2024: सात केंद्रीय मंत्री और यूपी सरकार के दो मंत्रियों को मिली मात

दलबदल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के पास भी सीमित अधिकार हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आरोप लगाए गए हैं कि स्पीकर ने अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कार्यवाही की सुनवाई और फैसला करने का अंतिम अवसर दिया था। इन याचिकाओं की सुनवाई में देरी से पार्टी में विभाजन हुआ।

Also Read : UP Lok Sabha Chunav Result 2024: दो लड़कों’ को बताया था फ्लॉप, जब परिणाम आया तो बीजेपी हैरान, CM योगी के गढ़ में नौ से छह हो गई भाजपा

See also  चिकित्सालय की पैथोलॉजी लैब में लगी आग, मचा हड़कंप, सौ शैया की घटना से शायद ही ले कोई सबक

लोकसभा के संवैधानिक और औपचारिक प्रमुख अध्यक्ष का पद आमतौर पर सत्तारूढ़ गठबंधन के पास जाता है। उपाध्यक्ष का पद पारंपरिक रूप से विपक्षी दल के सदस्य के पास होता है। हालांकि, लोकसभा के इतिहास में पहली बार 17वीं लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के बिना ही संपन्न हुई।

See also  लोकसभा चुनाव 2024: BJP ने आगरा से एसपी सिंह बघेल तो सीकरी से राजकुमार चाहर को किया रिपीट
Share This Article
Follow:
Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.