नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक बनने और प्रमोशन पाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना टीईटी पास किए कोई भी व्यक्ति न तो शिक्षक के पद पर नई नियुक्ति पा सकेगा और न ही प्रमोशन का हकदार होगा। यह फैसला शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
फैसले की मुख्य बातें
* नई नियुक्तियों और प्रमोशन के लिए अनिवार्य: अब किसी भी शिक्षक को नई नौकरी या पदोन्नति के लिए टीईटी पास करना ज़रूरी होगा।
* पुराने शिक्षकों को मोहलत: जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पाँच साल से कम बची है, उन्हें रिटायरमेंट तक इस नियम से छूट दी जाएगी, लेकिन प्रमोशन के लिए उन्हें भी टीईटी पास करना होगा।
* दो साल का समय: पुराने शिक्षकों को टीईटी पास करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। अगर वे इस अवधि में परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें सेवा से हटाया जा सकता है।
* अल्पसंख्यक संस्थानों को छूट: यह नियम फिलहाल अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय देशभर के लाखों शिक्षकों और भावी उम्मीदवारों को प्रभावित करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सिर्फ योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक ही छात्रों को पढ़ाएं, जिससे शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके।