नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं को वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे।
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस संवेदनशील मुद्दे पर पहले से ही विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए इस कायराना हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार से मांग की थी कि इस राष्ट्रीय महत्व के विषय पर सभी दलों को विश्वास में लेने के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं को आतंकी हमले की पूरी जानकारी दे सकते हैं और सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों पर चर्चा कर सकते हैं। बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भयावह आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसे लंबे समय में नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 5 बड़े फैसले
बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच अत्यंत कठोर और निर्णायक फैसले लिए गए। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे।
बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी सार्वजनिक की। इन फैसलों में सबसे बड़ा कदम भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने का निर्णय है। इस कदम से दोनों देशों के बीच सीमित रूप से होने वाली आवाजाही भी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिए गए दूसरे महत्वपूर्ण फैसले के तहत भारत ने पाकिस्तान में मौजूद अपने दूतावास को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। यह फैसला भारत और पाकिस्तान के कूटनीतिक संबंधों में एक बड़ा और अप्रत्याशित मोड़ माना जा रहा है।
तीसरे बड़े निर्णय के रूप में, भारत ने 1960 में हुए सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को भी निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान को जल संसाधनों के स्तर पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
चौथे कठोर फैसले के तहत, भारत सरकार ने देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को अगले 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ने का सख्त आदेश जारी किया है।
पांचवां और अंतिम बड़ा फैसला यह लिया गया है कि अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत का वीजा जारी नहीं किया जाएगा। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों में अभूतपूर्व सख्ती को दर्शाता है और पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाने की भारत की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
अब सबकी निगाहें इस सर्वदलीय बैठक पर टिकी हैं, जिसमें सरकार विपक्षी दलों को इन कठोर कदमों के पीछे की रणनीति और आगे की कार्रवाई योजना से अवगत कराएगी।