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गीदड़भभकी देने वाला कंगाल पाकिस्तान अब आया ‘लाइन पर’! शहबाज शरीफ ने भारत से मांगी शांति वार्ता की ‘भीख’, जानें क्यों झुका पाक?

Manisha singh
6 Min Read
गीदड़भभकी देने वाला कंगाल पाकिस्तान अब आया 'लाइन पर'! शहबाज शरीफ ने भारत से मांगी शांति वार्ता की 'भीख', जानें क्यों झुका पाक?

नई दिल्ली: भारत को युद्ध की गीदड़भभकी देने वाला आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान आखिरकार होश में आ गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांति पर बातचीत की पेशकश की है। ईरान के दौरे के दौरान तेहरान से दिए गए इस बयान में उन्होंने कश्मीर, आतंकवाद, पानी और व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी है।

शांति की पेशकश के साथ धमकी भी!

अपनी नापाक हरकतों से बाज न आने वाले शहबाज शरीफ ने इस शांति संदेश के साथ ही यह भी कहा कि अगर भारत ने आक्रामक रुख अपनाया तो पाकिस्तान जवाब देने में देर नहीं करेगा। शहबाज का यह बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की मजबूरियों को दर्शाता है, क्योंकि हालिया सैन्य और कूटनीतिक झटकों के बाद उसके पास भारत से बातचीत के लिए मिन्नतें करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।

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तेहरान से शहबाज ने की शांति की अपील

शहबाज शरीफ ने ईरान के अपने दौरे के दौरान तेहरान में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बयान दिया। तुर्किए से तेहरान पहुंचे शहबाज ने कहा, “हम भारत के साथ कश्मीर, पानी, आतंकवाद और व्यापार जैसे मसलों पर बातचीत के लिए तैयार हैं। हम पड़ोसी हैं और शांति हमारी प्राथमिकता है।” शरीफ ने इस दौरान यह भी दोहराया कि अगर भारत हमला करता है, तो पाकिस्तान जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “अगर भारत हमारी शांति की पेशकश को मानेगा, तो हम ईमानदारी से बातचीत के लिए तैयार हैं।” हालांकि, यह बयान “ऑपरेशन सिंदूर” और भारत की जवाबी कार्रवाई से डरे पाकिस्तान की लाचारी को ही दिखाता है।

भारत का रुख पहले से स्पष्ट

भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी वार्ता के लिए अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी जैसे मुद्दों पर ही होगी। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत की गई निर्णायक जवाबी कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया था।

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कैसे बैकफुट पर आया पाकिस्तान?

पहलगाम हमले के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर था। पहलगाम की घटना के बाद से ही भारत ने पाकिस्तान पर कई कड़ी कूटनीतिक और सैन्य कार्रवाई की थी। चाहे वह सिंधु जल संधि को खत्म करने की चेतावनी हो या फिर पाकिस्तान के लोगों को तुरंत भारत से वापस लौटने का आदेश। इन कूटनीतिक स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान की हालत खस्ता हो गई थी। वहीं, पाकिस्तान अभी खुद को संभाल ही रहा था कि भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” मिशन के तहत पाकिस्तान में आतंकवाद की “पाठशाला” चला रहे कई आतंकी संगठनों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर उन्हें तबाह कर दिया।

जब पाकिस्तान बौखला गया और ट्रंप का ‘झूठा’ सीजफायर

“ऑपरेशन सिंदूर” की मार से पाकिस्तान बौखला गया और उसने भारत पर तुर्किए ड्रोन से हमला करना शुरू कर दिया। हालांकि, भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने अपनी ताकत दिखाते हुए सभी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान तुरंत कई बड़े देशों के दरवाजे पर जाकर संघर्ष विराम (सीजफायर) कराने की गुहार लगाने लगा। इसी बीच, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान कर दिया। हालांकि, बाद में ट्रंप ने खुद माना कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर नहीं कराया था। भारत सरकार ने भी स्पष्ट किया कि सीजफायर का फैसला दोनों देशों के डीसीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) ने आपस में बात करके लिया था।

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शहबाज शरीफ ईरान और तुर्किए क्यों गए?

“ऑपरेशन सिंदूर” में मिली करारी शिकस्त और हुए भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने चार खास मुस्लिम देशों के पास अपना “रोना” लेकर पहुंचे। उन्होंने रविवार को तुर्किए से अपने दौरे की शुरुआत की थी। दो दिन यहां रहने के बाद वह ईरान गए, और यहीं से उन्होंने भारत से शांति पर बातचीत की “भीख” मांगी। इसके बाद पाक पीएम अजरबैजान और ताजिकिस्तान भी जाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तुर्किए और ईरान से शहबाज को जो उम्मीद थी, वह पूरी नहीं हो पाई। इसीलिए, वह डरकर भारत से शांति की भीख मांगने पर मजबूर हो गए हैं, क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक और सामरिक स्थिति बेहद कमजोर हो चुकी है।

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Granddaughter of a Freedom Fighter, Kriya Yoga Practitioner, follow me on X @ManiYogini for Indic History and Political insights.
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