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ज्योति मल्होत्रा के घर से मिला रहस्यमयी पत्र, डायरी में ‘पाकिस्तान’ का जिक्र, कश्मीर ट्रिप पर भी संदेह

Saurabh Sharma
6 Min Read
ज्योति मल्होत्रा के घर से मिला रहस्यमयी पत्र, डायरी में 'पाकिस्तान' का जिक्र, कश्मीर ट्रिप पर भी संदेह

हिसार। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा से हरियाणा पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियां (NIA, IB) लगातार पूछताछ कर रही हैं। इस बीच, पुलिस उसे कुछ देर के लिए हिसार स्थित उसके घर लेकर पहुंची थी, जहाँ से उसके कमरे से एक रहस्यमयी पत्र बरामद हुआ है। यह पत्र, जिसकी हैंडराइटिंग ज्योति से मिलती-जुलती बताई जा रही है, कई सवाल खड़े कर रहा है।

रहस्यमयी पत्र और ‘खुश मुश’ का राज:

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बरामद पत्र में ज्योति ने लिखा है, “सविता को कहना फल ला दें। घर का ख्याल रखें। मैं जल्दी वापस आ जाऊंगी।” इसके अलावा, पत्र में कुछ ज़रूरी दवाइयों का भी ज़िक्र है, जिन्हें घर में मंगवाने के लिए कहा गया है। पत्र के अंत में “Love You Khush Mush” लिखा है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि परिवार में उसे इसी नाम से पुकारा जाता था। हालांकि, पुलिस इस पत्र को केवल भावनात्मक पहलू के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक संभावित कोड मैसेज के तौर पर भी गंभीरता से जांच रही है।

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तस्वीरें हटाईं, घर में सन्नाटा

ज्योति की गिरफ्तारी के बाद उसके परिवार ने कमरे से उसकी सभी तस्वीरें हटा दी हैं। उसके पिता ने घर में मौजूद हर फोटो को हटा दिया है, जिससे परिवार की चिंता और गोपनीयता स्पष्ट झलकती है। पड़ोसियों और दोस्तों के अनुसार, ज्योति हिसार में अक्सर कुछ दोस्तों से मिलने जाती थी, लेकिन उसके घर आने-जाने वालों की संख्या न के बराबर थी, जो उसकी गतिविधियों को और भी संदिग्ध बनाता है।

डायरी में पाकिस्तान का सीधा जिक्र और वीडियो एडिटिंग का जुनून

जांच के दौरान पुलिस को ज्योति की एक डायरी भी मिली है, जिसमें वह अपनी यात्राओं और भावनाओं को दर्ज करती थी। डायरी के दस में से आठ पन्ने अंग्रेजी में हैं, लेकिन तीन पेज हिंदी में हैं और उनमें पाकिस्तान का सीधा जिक्र किया गया है, जो जांच एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुराग है। डाय डायरी से यह भी पता चला कि ज्योति अक्सर रात एक बजे तक वीडियो एडिटिंग करती थी। वह वीडियो बनाकर यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करती थी। उसकी विदेश यात्राओं के दौरान भी यह डायरी उसके साथ होती थी। बाली (इंडोनेशिया) ट्रिप के बाद उसने लाखों रुपये खर्च होने का ज़िक्र एक वीडियो के साथ किया था।

कश्मीर ट्रिप पर गहराया संदेह, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से कनेक्शन?

पुलिस की पूछताछ में ज्योति की कश्मीर यात्राओं को लेकर कई गंभीर सवाल उठे हैं। जांच एजेंसियां उसकी पहलगाम, गुलमर्ग, डल लेक, लद्दाख और पैंगोंग झील की यात्राओं को लेकर गंभीरता से जांच कर रही हैं। इन सभी जगहों पर उसने कई वीडियो शूट किए थे, जिनमें से कुछ सोशल मीडिया पर अपलोड भी किए गए हैं। पुलिस इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि क्या ये वीडियो अनजाने में बनाए गए थे या किसी निर्देश के तहत? क्या इनका उद्देश्य पाकिस्तान में बैठे किसी आतंकवादी संगठन को लाभ पहुंचाना था? हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ऐसे जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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टूटा मोबाइल बना अहम सुराग, त्रिस्तरीय जांच जारी

जांच के दौरान पुलिस को एक टूटा हुआ मोबाइल फोन भी मिला है, जिसे जब्त कर फॉरेंसिक टीम को भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, इस मोबाइल से डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करने की प्रक्रिया जारी है। यह टूटा हुआ मोबाइल इस मामले में एक बड़ा सुराग साबित हो सकता है। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और हरियाणा पुलिस संयुक्त रूप से ज्योति से गहन पूछताछ में जुटी हुई हैं, ताकि पूरे जासूसी नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर वीडियो, खुफिया एजेंसियां सतर्क

ज्योति को अब तक महिला थाना, सिविल लाइन थाना और सीआई थाना ले जाकर भी पूछताछ की जा चुकी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसके हर ट्रिप, संपर्क, सोशल मीडिया चैट और मोबाइल डेटा को खंगाल रही हैं। वहीं, दूसरी ओर, ज्योति के यूट्यूब चैनल ‘TravelWithJo’ पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों के वीडियो दिखने के बाद जांच एजेंसियां और अधिक सतर्क हो गई हैं। पाकिस्तानी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद उसके हर वीडियो को संदेह के दायरे से देखा जा रहा है।

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यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि इस बात का पता लगते ही यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यूपी में वह किससे-किससे मिलती थी, और इन धार्मिक स्थानों के वीडियो किस उद्देश्य से तैयार करती थी। खुफिया टीम के अधिकारी अब उसके पिछले विज़िट और रूटीन का डेटा खंगाल रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं इन वीडियो के माध्यम से संवेदनशील जानकारी तो नहीं जुटाई गई।

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