गुरुग्राम। गुरुग्राम की एक विशेष अदालत ने टीवी न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी और पत्रकार सैय्यद सुहैल के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई पोक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) के तहत की गई है। अदालत ने इन दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और साथ ही उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की भी अपील ठुकरा दी।
कोर्ट का आदेश और वारंट की तामील
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अदालत के आदेश का पालन करें। साथ ही, यदि वारंट की तामील नहीं की जाती है, तो संबंधित व्यक्तियों को अदालत में हाजिर होने का आदेश भी दिया गया है।
चित्रा त्रिपाठी की याचिका खारिज
चित्रा त्रिपाठी के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी जाए क्योंकि वह चुनावी कवरेज में व्यस्त थीं। हालांकि, अदालत ने उनकी अपील को खारिज कर दिया और कहा कि त्रिपाठी कानूनी प्रक्रिया को हल्के में ले रही हैं। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला साल 2015 से चल रहा है, और यदि इसी तरह ढील दी जाती रही, तो इसे निपटाने में और भी समय लगेगा।
सैय्यद सुहैल की याचिका का भी विरोध
कोर्ट ने सैय्यद सुहैल की याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की थी। दोनों पत्रकारों पर पोक्सो एक्ट के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं और मामले में उनकी जमानत याचिका भी पहले खारिज हो चुकी थी।
आरोपियों पर आरोप और अन्य पत्रकारों का भी नाम
इस मामले में कुल आठ पत्रकारों के नाम शामिल हैं, जिनमें अजीत अंजुम, दीपक चौरसिया, सुनील दत्त, राशिद हाशमी, ललित सिंह बड़गुर्जर, और प्रोड्यूसर अभिनव का भी नाम है। इन सभी पर आपराधिक जालसाजी और पोक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने इन पत्रकारों और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मामले की जांच जारी रखी है।
अगली सुनवाई 30 नवंबर को
मामले में अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी, जब अदालत इन आरोपियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार करेगी। इस मामले को लेकर पत्रकारों और मीडिया जगत में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है, और यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।