10 लाख का इनाम था इस मोस्ट वांटेड माओवादी नेता पर, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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मोस्ट वांटेड माओवादी नेता सब्यसाची गोस्वामी

पश्चिम बंगाल पुलिस ने गुरुवार देर रात पुरुलिया जिले में एक गुप्त स्थान से मोस्ट वांटेड माओवादी नेता सब्यसाची गोस्वामी उर्फ किशोर दा को गिरफ्तार किया। गोस्वामी पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।

गोस्वामी सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का सदस्य है और वह पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर असम में सक्रिय था। मार्च 2022 में माओवादियों के पूरे पूर्वोत्तर भारत में रेड-कॉरिडोर बनाने की कोशिश को लेकर गुवाहाटी में मामला दर्ज किया गया था। उसी वक्त गोस्वामी का नाम सामने आया था। इसके तुरंत बाद एनआईए ने उस पर इनाम की घोषणा कर दी थी।

यह पहली बार नहीं है कि गोस्वामी को किसी सुरक्षा एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। उसे पहली बार एनआईए ने 2021 में असम के गोलाघाट इलाके से गिरफ्तार किया था। इससे पहले उसे 2018, 2013 और 2005 में भी पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कई बार गिरफ्तार किया था। हालांकि, हर बार वह अपने खिलाफ पेश किए गए कमजोर सबूतों के कारण जमानत पर रिहा होने में कामयाब रहा और हर बार अपनी रिहाई के बाद वह अंडरग्राउंड हो गया।

2021 में उसकी आखिरी गिरफ्तारी के बाद विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ-साथ एनआईए ने भी उसे पकड़ने की कोशिश की। लेकिन हर बार वह भागने में सफल हो जाता था।

पुलिस ने बताया कि गोस्वामी को शुक्रवार को पुरुलिया की एक जिला अदालत में पेश किया जाएगा। सरकारी वकील आगे की पूछताछ के लिए उसकी पुलिस हिरासत की मांग करेंगे।

गोस्वामी की गिरफ्तारी माओवादी संगठन के लिए एक बड़ी सफलता है। इससे माओवादियों के पूर्वोत्तर भारत में विस्तार की योजनाओं को झटका लग सकता है।

NIA ने रखा था 10 लाख का इनाम

गोस्वामी की गिरफ्तारी के कई कारण हैं। सबसे पहले, वह सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। उसकी गिरफ्तारी से संगठन को एक बड़ा झटका लगेगा। दूसरा, गोस्वामी पूर्वोत्तर भारत में माओवादियों की गतिविधियों में शामिल था। उसकी गिरफ्तारी से संगठन के पूर्वोत्तर में विस्तार की योजनाओं को बाधित कर सकता है।

 

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Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
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