Power shift in BJP: Party board trumps states in choosing president

2 Min Read

भाजपा ने संविधान में बदलाव किया, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में संसदीय बोर्ड को मिली अधिक शक्ति

भाजपा ने अपने संविधान में बदलाव किया है, जिसके तहत पार्टी का संसदीय बोर्ड आपातकालीन परिस्थितियों में कार्यकाल और उसके विस्तार सहित भाजपा अध्यक्ष से जुड़े फैसले ले सकेगा। यह बदलाव पार्टी के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के आखिरी दिन पारित किया गया। पार्टी के मौजूदा संविधान के अनुसार, कम से कम 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी जब विधानसभा या लोकसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त रहती है तो आंतरिक चुनावों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना कठिन होता है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

पार्टी ने संशोधन के पीछे विवरण और वजह के बारे में विस्तार से नहीं बताया है।

भाजपा के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें आगामी लोकसभा चुनावों में 370 सीटें जीतने की पार्टी की रणनीति और शासन के मुद्दों पर चर्चा की गई। पार्टी के कुछ नेताओं ने संकेत दिए कि कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के कई नेता अगले कुछ हफ्तों में पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

भाजपा द्वारा किए गए संशोधन को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में संसदीय बोर्ड की शक्ति बढ़ाने के रूप में देखा जा सकता है। यह बदलाव पार्टी को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने में मदद कर सकता है।

हालांकि, यह बदलाव पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को कम करने के रूप में भी देखा जा सकता है। कुछ लोग यह भी तर्क दे सकते हैं कि यह बदलाव पार्टी अध्यक्ष को कमजोर बना सकता है।

यह देखना बाकी है कि यह बदलाव भाजपा के कामकाज को कैसे प्रभावित करता है।

Share This Article
Follow:
Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
Leave a comment

Leave a ReplyCancel reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.
Exit mobile version