अब्दुल नजीर के राज्यपाल बनते ही न्यायाधीशों के फैसलों पर प्रश्नचिन्ह?

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्व न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल पद पर नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के बाद, सरकार की यह कहकर आलोचना हो रही है, कि जो जज सरकार के हिसाब से फैसले देते हैं। उनको सेवानिवृत्ति के बाद महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति मिल जाती है। सरकार यह संदेश न्यायपालिका को दे रही है। पिछले कुछ वर्षों से सेवानिवृत्त जजों की नियुक्तियां हो रही हैं। जिसके कारण न्यायपालिका की साख को लेकर आमजनों के भी चर्चाएं होने लगी हैं।

2019 में अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद पर जो ऐतिहासिक फैसला आया था। उसे सारे देश ने स्वीकार कर लिया था। मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला करने वाले जजों में जो 5 जज शामिल थे। उसमें रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति शरद बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़,न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर शामिल थे।
-जस्टिस रंजन गोगोई

See also  ऑपरेशन ब्लू स्टार और खालिस्तान की मांग: पंजाब के इतिहास में दो महत्वपूर्ण घटनाएं

17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए।इन्हें 4 महीने के बाद राज्यसभा के सांसद के तौर पर मनोनीत किया गया।राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने वाले पहले जज बनने का उन्हें सौभाग्य मिला।
-जस्टिस शरद अरविंद बोबडे

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 23 अप्रैल 2021 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद जस्टिस बोबडे ने कोई पद स्वीकार नहीं किया। वर्तमान में वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर के चांसलर हैं।
-स्टिस डीवाई चंद्रचूड़

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन हैं। भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्य न्यायमूर्ति रहने वाले जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे हैं। हाल ही में कॉलेजियम को लेकर इनके और सरकार के बीच मतभेद सामने आए हैं।
-जस्टिस अशोक भूषण

See also  दिल्ली में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, जलभराव से यातायात बाधित

जस्टिस अशोक भूषण जुलाई 2021 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए। रिटायरमेंट के 4 महीने के बाद उन्हें नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में चेयरमैन पद पर नियुक्ति, केंद्र सरकार द्वारा की गई।यह नियुक्ति 4 साल के लिए की गई है।
-जस्टिस अब्दुल नजीर

जस्टिस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट से जनवरी 2023 में सेवानिवृत्त हुए। 1 माह के बाद ही, उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया गया है। जस्टिस नजीर अयोध्या मामले में फैसला सुनाने वाले पांच जजों में से एकमात्र मुस्लिम जज थे। जस्टिस अब्दुल नजीर ने नोटबंदी और तीन तलाक जैसे मामलों में भी महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं।

पिछले कुछ वर्षों में जिस तरीके से सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति महत्वपूर्ण पदों पर की जा रही है। उसके बाद यह कहा जा रहा है,कि सरकार ने न्यायपालिका को स्पष्ट संदेश दिया है,कि जो जज सरकार के हितों को देखते हुए फैसला करते हैं।उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे न्याय पालिका की विश्वसनीयता को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं, जो चिंता का विषय बन रहा है।

See also  जनता ने आपको टेबल तोड़ने के लिए नहीं भेजा है; विपक्ष के हंगामे पर बोले स्पीकर ओम बिरला

ये भी पढें … गले में सांप डालकर बीन बजाई विधायक जी ने

ये भी पढें … जया बच्चन ने राज्यसभा में सभापति को उंगली दिखाई, भाजपा के निशाने पर आईं

ये भी पढें … GIS में सीएम योगी ने निवेशकों से 33.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हासिल किए!

ये भी पढें … सरकार का बड़ा ऐलान, अब इन्हें भी देगी सरकार मुफ्त का राशन, आइये जाने…

See also  ऑपरेशन ब्लू स्टार और खालिस्तान की मांग: पंजाब के इतिहास में दो महत्वपूर्ण घटनाएं
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement