राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने बाहरी राज्यों के नेताओं को राजस्थान में उतारा है। इन नेताओं को राजस्थान के अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा का मानना है कि बाहरी नेताओं की मदद से पार्टी चुनाव में जीत हासिल कर सकती है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में होने हैं। इस चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने अपने सभी मंत्रियों और विधायकों को चुनाव प्रचार में जुटने का आदेश दिया है। इसके अलावा, कांग्रेस ने कई नए चेहरों को भी चुनाव मैदान में उतारा है।
इस बीच, भाजपा ने भी राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एक बड़ा दांव खेला है। भाजपा ने बाहरी राज्यों के नेताओं को राजस्थान में उतारा है। इन नेताओं को राजस्थान के अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा का मानना है कि बाहरी नेताओं की मदद से पार्टी चुनाव में जीत हासिल कर सकती है। इन नेताओं के पास चुनाव लड़ने का अनुभव है और वे जनता को पार्टी के लिए वोट करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात के नेताओं को राजस्थान में तैनात किया है। इन नेताओं को राजस्थान के लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा के इन नेताओं में कई अनुभवी नेता शामिल हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, रमेश पोखरियाल निशंक, कृष्ण पाल गुर्जर, सुनील जाखड़ और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सतपाल सत्ती शामिल हैं।
भाजपा का मानना है कि इन नेताओं की मदद से पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। दोनों पार्टियां अपने-अपने दम पर चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं।
भाजपा ने बाहरी राज्यों के नेताओं को राजस्थान में उतारकर एक बड़ा दांव खेला है। यह देखना होगा कि भाजपा का यह दांव कितना कारगर होता है।