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राम मंदिर आंदोलन : आज जानते है कड़ी दर कड़ी इस संघर्ष की कहानी ..

Honey Chahar
4 Min Read

राम मंदिर आंदोलन भारत का एक प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक आंदोलन था, जिसका उद्देश्य अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करना था। यह आंदोलन 1980 के दशक में शुरू हुआ और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाप्त हुआ।

आंदोलन का प्रारंभ

राम मंदिर आंदोलन का प्रारंभ 1980 के दशक में हुआ, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक अभियान शुरू किया। VHP ने तर्क दिया कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और मुगल सम्राट बाबर ने वहां एक मस्जिद का निर्माण करके हिंदू धर्म का अपमान किया था।

VHP ने अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के नाम से एक आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में कई हिंदू संगठनों ने भाग लिया, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच शामिल थे।

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आंदोलन का चरमोत्कर्ष

1990 के दशक में, राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर पहुंच गया। 1992 में, VHP ने अयोध्या में एक विशाल रथ यात्रा का आयोजन किया, जिसमें लाखों हिंदू शामिल हुए। 6 दिसंबर, 1992 को, हजारों हिंदू कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया।

बाबरी मस्जिद के विध्वंस ने भारत में सांप्रदायिक हिंसा की एक लहर को जन्म दिया। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

आंदोलन का अंत

बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, राम मंदिर आंदोलन कुछ शांत हो गया। हालांकि, यह आंदोलन समाप्त नहीं हुआ। 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद, राम मंदिर आंदोलन का समापन हो गया।

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आंदोलन के प्रभाव

राम मंदिर आंदोलन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस आंदोलन ने भारत में हिंदू धर्म और हिंदू राष्ट्रवाद की ताकत को दिखाया।

इस आंदोलन ने भारत में सांप्रदायिक हिंसा को भी बढ़ावा दिया। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

राम मंदिर आंदोलन ने भारतीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आंदोलन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मजबूत करने में मदद की। BJP ने राम मंदिर आंदोलन को अपने राजनीतिक एजेंडे का एक हिस्सा बनाया और इस आंदोलन के समर्थन में चुनाव लड़ा।

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं:

  • अशोक सिंघल (VHP के अध्यक्ष)
  • लाल कृष्ण आडवाणी (BJP के अध्यक्ष)
  • मुरली मनोहर जोशी (BJP के नेता)
  • उमा भारती (BJP की नेता)
  • साध्वी ऋतंभरा (VHP की नेता)

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख घटनाएं

  • 1984: विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया।
  • 1989: अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के नाम से एक आंदोलन शुरू हुआ।
  • 1990: अयोध्या में एक विशाल रथ यात्रा का आयोजन किया गया।
  • 6 दिसंबर, 1992: बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया।
  • 2019: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए फैसला सुनाया।
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