इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में गहरा तनाव पैदा हो गया है। इस बीच, इस्लामाबाद में रह चुके पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड मेजर और विश्लेषक आदिल रजा ने एक सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर का हाथ है।
आदिल रजा के अनुसार, जनरल असीम मुनीर को यह अच्छी तरह से पता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु संतुलन होने के कारण भारत कोई बड़ा युद्ध नहीं छेड़ेगा, लेकिन एक सीमित जवाबी कार्रवाई जरूर संभव है। ऐसे में, पहलगाम हमला एक सोची-समझी चाल प्रतीत होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तानी जनता को भारत विरोधी और कश्मीर समर्थक एजेंडे पर एकजुट करना है।
आदिल रजा ने यह भी आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे जनरल असीम मुनीर की यह इच्छा भी निहित है कि वह खुद को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित कर सकें, खासकर उस समय जब देश में सेना के खिलाफ व्यापक आक्रोश है और लोग इमरान खान के जनादेश की चोरी का आरोप सेना पर लगा रहे हैं।
‘ये हमला फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन था
आदिल रजा ने इस हमले को एक ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ बताया है, जिसका अर्थ है कि यह हमला खुद करवाया गया और इसका आरोप दुश्मन पर लगाया गया। उन्होंने कहा कि असीम मुनीर पुलवामा हमले के समय आईएसआई प्रमुख थे और अब पहलगाम हमले के दौरान सेना प्रमुख हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने भी दोनों हमलों में उनकी भूमिका की बात स्वीकार की है।
‘इमरान खान की लोकप्रियता से डरते हैं असीम मुनीर’
आदिल रजा ने असीम मुनीर के हालिया इस्लामाबाद भाषण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंदू विरोधी बातें कही थीं। उसके तुरंत बाद, पहलगाम में जिन पर्यटकों को निशाना बनाया गया, उन्हें कथित तौर पर उनके धर्म के आधार पर पहचाना गया और लक्षित किया गया। रजा ने इसे ‘साइकोपैथ’ यानी मानसिक रूप से असंतुलित सोच करार दिया और कहा कि असीम मुनीर इमरान खान की बढ़ती लोकप्रियता से भयभीत हैं, इसलिए इस तरह के कदम उठाकर जनता की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। आदिल रजा ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में नवाज शरीफ को सत्ता में लाने की पूरी योजना लंदन प्लान के तहत रची गई थी, जिसमें जनता की राय और लोकतंत्र की पूरी तरह से अनदेखी की गई थी।
आदिल रजा के इन आरोपों ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और भी जटिल बना दिया है।