लौटता मानसून बना आफत! दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में बारिश का अलर्ट, बिहार में 19 की मौत से हाहाकार

Dharmender Singh Malik
5 Min Read

उत्तर भारत में मानसून की विदाई के बावजूद, एक बार फिर लौटते मानसून (Retreating Monsoon) का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। दिल्ली-NCR समेत कई राज्यों में आज तेज बारिश की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट और मौसम में ठंडक महसूस होगी। वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार और पूर्वांचल में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिसके कारण 19 लोगों की मौत होने की दुखद खबर सामने आई है। मौसम विभाग (IMD) ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।

 

दिल्ली-NCR में ‘यलो अलर्ट’, तेज हवाओं के साथ बारिश

 

राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों (Delhi-NCR Weather) में रविवार को मौसम का मिजाज बदला रहेगा। मौसम विभाग (IMD) ने यहां यलो अलर्ट जारी किया है। सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और दिन भर तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। गुरुवार को हुई हल्की बारिश के बाद मौसम सामान्य हो गया था, लेकिन रविवार की झमाझम बारिश से अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी और ठंडक बढ़ेगी, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिलेगी।

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उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी बारिश की संभावना: दिल्ली-NCR के अलावा उत्तर प्रदेश (UP Rain Alert), उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई हिस्सों में भी आज बारिश की आशंका जताई गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों के जलस्तर बढ़ने का खतरा बना हुआ है।

 

बिहार में वज्रपात और बारिश से तबाही, 19 लोगों की मौत

 

लगातार बारिश और वज्रपात (Lightning) ने बिहार में भयंकर तबाही मचाई है। राज्य के कई जिलों में बीते 48 घंटों में अलग-अलग घटनाओं में 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 से अधिक लोग झुलस गए हैं। मृतकों में मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, बेतिया, भोजपुर, वैशाली, नालंदा, गोपालगंज, मोतिहारी, किशनगंज, मधेपुरा और खगड़िया के निवासी शामिल हैं। मोतिहारी, सिवान, सारण, गोपालगंज और भोजपुर जिलों में हालात सबसे गंभीर हैं।

  • प्रभाव: वज्रपात, मकान गिरने और तेज हवाओं के कारण पेड़ पलटने जैसी घटनाओं से भारी जान-माल का नुकसान हुआ है।
  • प्रशासनिक कदम: प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रभावित जिलों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिए हैं।
  • जलभराव: पटना और आसपास के इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
  • किसानों पर मार: भारी बारिश से किसानों की धान और गन्ने की फसलें भी व्यापक रूप से प्रभावित हुई हैं।
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बंगाल की खाड़ी का निम्न दबाव बना वजह

 

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र का असर उत्तर और पूर्वी भारत के राज्यों पर पड़ रहा है। यही मौसमी सिस्टम लौटते मानसून को प्रभावित कर रहा है। इसके कारण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में भी बारिश की गतिविधियां तेज हुई हैं।

वाराणसी में टूटा 125 साल का रिकॉर्ड: पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बारिश ने 125 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 21 घंटों में 187 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 1900 में दर्ज 138.8 मिमी वर्षा के रिकॉर्ड को पार कर गई है। तेज बारिश से कई इलाकों में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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अगले 48 घंटे रहें सतर्क: IMD

 

मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश लौटते मानसून का प्रभाव है और अगले 48 घंटों तक उत्तरी भारत में इसी तरह का मौसम बना रह सकता है। लोगों को मौसम के अनुसार सावधानी बरतने और खासकर वज्रपात के समय सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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