लखनऊ: विपक्षी गठबंधन ‘आईएनडीआईए’ में शामिल सपा, कांग्रेस और रालोद मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। रालोद के साथ सात सीटों पर समझौता करने के बाद अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं। सपा ने रालोद की तरह कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
14-15 सीटों पर गठबंधन की संभावना
बिहार और बंगाल में ‘आईएनडीआईए’ को झटके लगने के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर गठबंधन की एकतरफा घोषणा शनिवार को ही कर दी है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य से कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी दबाव में है। पिछले कई चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। ऐसे में सपा की ओर से उसे तीन-चार सीटें ही और मिलने की उम्मीद है।
11 सीटों पर गठबंधन की घोषणा
रालोद से सात सीटों पर समझौता करने के बाद अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं। सपा ने रालोद की तरह कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। सपा मुखिया द्वारा की गई घोषणा से कांग्रेस की प्रदेश इकाई खुश नहीं है। कांग्रेस ज्यादा सीटें चाह रही है।
20 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व 20 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि गठबंधन की सीटों पर केंद्रीय कमेटी निर्णय ले रही है। बातचीत अच्छे वातावरण में चल रही है और जल्द ही इसके अच्छे परिणाम आएंगे।
सपा का कांग्रेस पर पूरा दबाव
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि यह चुनाव टिकट बंटवारे का नहीं है, बल्कि भाजपा को हराकर लोकतंत्र बचाना है। अखिलेश यादव ने बड़ा दिल दिखाते हुए कांग्रेस का सम्मान रखते हुए पहले ही 11 सीटें दे दी हैं। उनका कहना है कि सवाल सीट का नहीं, जीत का है।
अब आगे क्या?
‘आईएनडीआईए’ में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस 20 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। सपा ने अभी तक कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों की घोषणा नहीं की है। यह देखना होगा कि दोनों दल इस गतिरोध को कैसे सुलझाते हैं।