नई दिल्ली/वाशिंगटन। अमेरिका का डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन अवैध इमिग्रेशन को लेकर अपनी सख्त नीतियों पर लगातार कायम है। इसी क्रम में, अमेरिका ने सोमवार को भारत में स्थित कुछ ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और वरिष्ठ अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का एक बड़ा फैसला लिया है। अमेरिकी सरकार का आरोप है कि ये ट्रैवल एजेंसियां जानबूझकर ऐसे कार्य कर रही हैं जो अमेरिका में अवैध इमिग्रेशन को बढ़ावा देते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर इस निर्णय की जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा, ‘मिशन इंडिया के कांसुलर अफेयर्स एंड डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी विभाग द्वारा हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में प्रतिदिन अवैध आप्रवासन और मानव तस्करी से जुड़े व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।’
बयान में आगे कहा गया कि विदेश मंत्रालय भारत में काम कर रही उन ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों और उच्च-पदस्थ अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लागू कर रहा है, जिनका उद्देश्य अवैध आप्रवासन के नेटवर्क को तोड़ना है। अमेरिका का यह कदम ऐसे व्यक्तियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकेगा जो अवैध इमिग्रेशन को सुगम बनाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
‘अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए है महत्वपूर्ण’:
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई का औचित्य बताते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका ऐसी एजेंसियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा। बयान में जोर देकर कहा गया, ‘हमारी आप्रवासन नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल विदेशी नागरिकों को अवैध आप्रवासन से जुड़े खतरों के बारे में जागरूक करना है, बल्कि उन लोगों को भी जिम्मेदार ठहराना है जो हमारे कानूनों का उल्लंघन करते हैं।’
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी आव्रजन कानूनों और नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करना कानून के शासन को बनाए रखने और अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
‘वैश्विक स्तर पर लागू है ये प्रतिबंध’:
बयान में यह भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई कि यह वीजा प्रतिबंध नीति केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर लागू होती है। इसके दायरे में वे लोग भी आते हैं जो सामान्य परिस्थितियों में वीजा छूट कार्यक्रम (Visa Waiver Program) के तहत अमेरिका की यात्रा करने के योग्य हो सकते हैं। इसका अर्थ है कि अमेरिका अवैध इमिग्रेशन को लेकर अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति पर दृढ़ है, भले ही व्यक्ति किसी भी देश का नागरिक हो या किसी विशेष वीजा छूट कार्यक्रम का हिस्सा हो।
हालांकि, जब नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी से उन विशेष ट्रैवल एजेंसियों और व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई, जिनके खिलाफ यह वीजा प्रतिबंध लगाया गया है, तो उन्होंने इस पर कोई भी विस्तृत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अधिकारी ने गोपनीयता का हवाला देते हुए कहा, ‘वीजा रिकॉर्ड की गोपनीयता के कारण हम उन विशिष्ट व्यक्तियों या ट्रैवल एजेंसियों की सूची सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं जिनके खिलाफ अमेरिका वीजा प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है।’ उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करने से भविष्य में होने वाली जांच और कार्रवाइयों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अमेरिका का यह कदम भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों पर क्या प्रभाव डालता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने कानूनों की रक्षा और अवैध इमिग्रेशन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाता रहेगा।