रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ एक सुपरवाइजर ने बेंगलुरु के एआई इंजीनियर जैसी परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। मृतक ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो बनाया, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना ने एक बार फिर पारिवारिक विवादों और मानसिक तनाव के घातक परिणामों को उजागर कर दिया है।
गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में हुई इस घटना में, उदय राज मिश्रा नामक एक व्यक्ति ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। उदय ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें वह रोते हुए अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा किए गए टॉर्चर का जिक्र कर रहा है। उसने अपनी पत्नी के अवैध संबंधों का भी आरोप लगाया है। यह घटना पिछले महीने बेंगलुरु में एक इंजीनियर द्वारा इसी तरह की आत्महत्या की याद दिलाती है, जहाँ इंजीनियर ने भी अपनी पत्नी पर आरोप लगाए थे।
मृतक का अंतिम संदेश (वीडियो में)
मृतक उदय राज मिश्रा ने वीडियो में अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए कहा, “मम्मी पापा मुझे माफ कर दो। मैं अपनी पत्नी से, साली से, सास-ससुर से और साले से बहुत परेशान हूं। मेरी पत्नी किसी दूसरे के साथ फंसी थी। इस बात को जब मैं बोलता था तो यह लोग मुझे जान से मारने की धमकी देते थे। मेरे बच्चों को जान से मारने की धमकी देते थे। मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा हूं।”
उदय ने आगे पुलिस से अनुरोध करते हुए कहा, “थाना प्रभारी साहब से अनुरोध है कि मेरे दोनों बच्चों को मेरे माता-पिता को सौंप दिया जाए। उनके नाना नानी को मत दिया जाए, उनके जीवन को खतरा है। उनके भविष्य को खतरा है। यह लोग मुझे बहुत डराएं और धमकाएं हैं।”
बुधवार शाम करीब 7 बजे गुढ़ियारी पुलिस को सूचना मिली कि उदय राज ने अपने घर पर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने अपने कमरे के पंखे में दुपट्टे के सहारे लटककर अपनी जान दे दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही घर वालों ने दुपट्टा काटकर शव को नीचे उतार लिया था।
गुढ़ियारी पुलिस इस मामले की गहनता से जाँच कर रही है। मृतक द्वारा बनाए गए वीडियो को भी जाँच में शामिल किया गया है। पुलिस मृतक के परिवारजनों और ससुराल वालों से पूछताछ कर रही है ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
यह घटना पारिवारिक विवादों और मानसिक तनाव के कारण होने वाली आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता पैदा करती है। यह आवश्यक है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और तनावग्रस्त व्यक्तियों को समय पर सहायता प्रदान की जाए।