सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: EMI बाउंस होने पर जब्त हो सकती है आपकी गाड़ी

Deepak Sharma
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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: EMI बाउंस होने पर जब्त हो सकती है आपकी गाड़ी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने EMI बाउंस से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसका असर उन सभी लोगों पर पड़ेगा जिन्होंने बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन लिया है. इस फैसले के मुताबिक, EMI का भुगतान न करने पर आपकी गाड़ी जब्त की जा सकती है, और इसे पूरी तरह से कानूनी माना जाएगा. यह फैसला उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो EMI चुकाने में लापरवाही करते हैं.

जब तक लोन चुकता नहीं, फाइनेंसर रहेगा असली मालिक

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ कर दिया है कि जब तक लोन की पूरी राशि चुकाई नहीं जाती, तब तक उस वाहन का असली मालिक ग्राहक नहीं, बल्कि फाइनेंस कंपनी ही रहेगी. यानी आपने भले ही उस गाड़ी को खरीदा हो और इस्तेमाल कर रहे हों, लेकिन EMI पूरी होने तक उसका मालिकाना हक फाइनेंसर कंपनी के पास रहेगा. अगर आप लगातार EMI चुकाने में विफल रहते हैं, तो कंपनी को वह गाड़ी जब्त करने का पूरा अधिकार होगा.

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बिना नोटिस गाड़ी जब्त करने पर क्या कहा कोर्ट ने?

इस मामले में एक खास बात यह थी कि फाइनेंस कंपनी ने ग्राहक को कोई नोटिस दिए बिना ही उसकी गाड़ी जब्त कर ली थी. निचली अदालत ने इसे गलत मानते हुए फाइनेंसर पर भारी जुर्माना लगाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस जुर्माने को रद्द कर दिया.

हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि बिना नोटिस गाड़ी जब्त करना पूरी तरह सही नहीं है. इसलिए फाइनेंसर पर सिर्फ 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में फाइनेंसर कंपनियों को गाड़ी जब्त करने से पहले ग्राहक को समय रहते नोटिस देना ज़रूरी होगा, लेकिन जब्ती का अधिकार उनके पास बरकरार रहेगा.

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लापरवाही पर सख्त संदेश

इस फैसले में यह भी सामने आया कि लोनधारक ने शुरुआत में सात महीने तक तो EMI भरी, लेकिन उसके बाद लगातार पांच महीने तक कोई भुगतान नहीं किया. फाइनेंस कंपनी ने ग्राहक को पर्याप्त मौके दिए, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो गाड़ी जब्त कर ली गई. सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही ठहराते हुए कहा कि कंपनी ने धैर्य से काम लिया, लेकिन ग्राहक ने सुधार का कोई प्रयास नहीं किया.

यह फैसला देश के लाखों लोनधारकों के लिए एक सख्त संदेश है कि लोन लेना जितना आसान है, उसका समय पर भुगतान करना उतना ही ज़रूरी है. यह फैसला सिर्फ कार लोन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में होम लोन या पर्सनल लोन जैसे अन्य कर्जों पर भी इसका असर दिख सकता है.

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अब अगर आप कोई लोन लेने की सोच रहे हैं, तो उसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ें. EMI की तारीख, पेनाल्टी, और जब्ती की प्रक्रिया जैसी बातों को पहले से समझ लें. साथ ही, अगर EMI चुकाने में कोई समस्या आ रही है, तो समय रहते फाइनेंसर से बात करें. लंबे समय तक चुप रहने से मामला आपके खिलाफ जा सकता है.

 

 

 

 

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