चेन्नई: तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को राज्य का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया है। इस निर्णय के साथ ही राज्य की डीएमके सरकार ने मंत्रिमंडल में कई अन्य महत्वपूर्ण फेरबदल भी किए हैं।
राजभवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने वी सेंथिल बालाजी, डॉ. गोवी चेझियान, आर राजेंद्रन, और एसएम नासर को मंत्रिपरिषद में शामिल करने की सिफारिश की है। इन सभी सिफारिशों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
उदयनिधि की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा का दौर तेज हो गया है। उदयनिधि, जो पहले से ही एक प्रमुख युवा नेता के रूप में जाने जाते हैं, अब राज्य के दूसरे सबसे बड़े पद पर आसीन हो गए हैं। उनके इस पद पर आने से राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ
मनोनीत मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 29 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे राजभवन, चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ-साथ कई अन्य प्रमुख राजनीतिक नेता भी उपस्थित रहेंगे।
सेंथिल बालाजी की वापसी
उदयनिधि के अलावा, पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी की भी मंत्रिमंडल में वापसी हुई है। सेंथिल की वापसी को लेकर पार्टी के भीतर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली और प्रभाव को देखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह फेरबदल तमिलनाडु में राजनीतिक स्थिरता और विकास के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है। जहां एक ओर उदयनिधि के युवा नेतृत्व की अपेक्षाएँ हैं, वहीं दूसरी ओर मंत्रिमंडल में अनुभव के प्रतीक नेता भी शामिल किए गए हैं।
इस राजनीतिक बदलाव के साथ, तमिलनाडु की जनता और राजनीतिक विश्लेषक अब आगामी शपथ ग्रहण समारोह और उसके प्रभावों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।