नई दिल्ली। साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल यानी गुरुवार को लगने जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस साल कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं। इन 4 ग्रहणों में से 2 सूर्यग्रहण और 2 च्रंद्रगहण होंगे। 20 अप्रैल को लगने वाला ग्रहण हाइब्रिड सूर्यग्रहण होगा। यह इस दशक का पहला हाइब्रिड सूर्यग्रहण होगा।
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब सूर्यग्रहण की स्थिति बन जाती है। पृथ्वी से ऐसे दिखाई देता है जैसे कुछ समय के लिए सूर्य चंद्रमा के पीछे छुप जाता है। पृथ्वी और सूर्य के बीच में च्रंदमा के आ जाने से पृथ्वी पर रोशनी नहीं पहुंच पाती है, या कहा जा सकता है कि काफी कम पहुंच पाती है। इस कारण दिन में अंधेरा छा जाता है।
वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य, चंद्रमा और हमारी पृथ्वी जब एक सीधी लाइन में आ जाते हैं, तब सूर्य ग्रहण लगता है। सूर्यग्रहण तीन प्रकार के होते है, जिसमें पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक सूर्यग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण शामिल है। इस बार के सूर्य ग्रहण को हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है जो इन सबसे अलग है।
एरीज के पूर्व सौर विज्ञानी डॉ. वहाबउद्दीन बताते हैं कि आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा से सूर्य का केवल एक हिस्सा ढका रहता है। वहीं, पूर्ण सूर्य ग्रहण में चंद्रमा की छाया पूर्ण रूप से सूर्य को ढक लेती है।