नई दिल्ली । अगले सीबीआई डायरेक्टर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक हुई। इस बैठक में सीबीआई डायरेक्टर के पद के लिए तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। हालांकि, पैनल में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी आपत्ति व्यक्त की और पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने की मांग की। कैबिनेट की समिति को शॉर्टलिस्ट कर भेजे गए नामों में कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद, मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना और अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के डीजी ताज हसन का नाम शामिल है। अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को पीएम की अध्यक्षता में हुई पैनल की बैठक में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के चयन पर अपनी असहमति दर्ज कराई है।
गौरतलब है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ इस समिति के तीसरे सदस्य हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस पूरी प्रकिया में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पहले सीबीआई प्रमुख के पद के लिए लगभग 115 नामों की एक सूची भेजी थी। इनमें कुछ ऐसे अधिकारी भी शामिल थे, जिन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि उन्हें सूची में शामिल अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड और व्यक्तिगत जानकारी नहीं मिली थी।
सूत्रों ने कहा कि सीजेआई ने सुझाव दिया है कि लिस्ट को अधिकारियों के अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर तैयार किया जाए। इसके बाद यह लिस्ट करीब एक दर्जन अधिकारियों के नाम के साथ तैयार हुई। अधीर रंजन ने यह भी कहा है कि सरकार को महिला अधिकारियों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों पर विचार करना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, अधीर रंजन चौधरी के विरोध के बाद ताज हसन का नाम शामिल किया गया और तीन अधिकारियों की शॉर्टलिस्ट कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजी गई।
हम आपको बता दें कि 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सूद को जनवरी 2020 में कर्नाटक डीजीपी नियुक्त किया गया था। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना ने मार्च 2022 में मध्य प्रदेश के डीजीपी का पदभार संभाला था। एजीएमयूटी कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी ताज हसन जुलाई 2021 से फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स के डीजी के पद पर कार्यरत हैं।