पाकिस्तान में है मनमोहन सिंह के नाम पर बना स्कूल, बंटवारे से पहले 1932 में उसी गांव में हुआ था जन्म

मनमोहन सिंह और पाकिस्तान: गाह गांव में उनकी विरासत और समर्पण की अनकही कहानी

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
पाकिस्तान में है मनमोहन सिंह के नाम पर बना स्कूल, बंटवारे से पहले 1932 में उसी गांव में हुआ था जन्म

मनमोहन सिंह पाकिस्तान कनेक्शन: बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पाकिस्तान से गहरा रिश्ता था। उनके नाम पर पाकिस्तान के एक गांव में स्कूल भी है, और उनके जन्मस्थल को लेकर वहां के लोग उन्हें गर्व से याद करते हैं।

भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार रात निधन हो गया। सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन पर पूरा देश शोक में डूबा हुआ है, और विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह का पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से भी गहरा रिश्ता था, जहां उनका जन्म हुआ था।

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पाकिस्तान के चकवाल जिले के गाह गांव में हुआ था जन्म

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के गाह गांव में हुआ था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया और अमृतसर में बस गया। बचपन के कई साल उन्होंने गाह गांव में बिताए, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी प्राप्त की।

गाह गांव में मनमोहन सिंह के नाम पर बना स्कूल

गाह गांव में आज भी एक स्कूल ‘मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल’ के नाम से जाना जाता है। यही स्कूल था, जहां से डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की थी। उनके स्कूल के दिनों के दोस्त राजा मोहम्मद अली ने बताया कि वे और मनमोहन सिंह पहली से चौथी क्लास तक एक साथ पढ़े थे। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया, लेकिन गाह गांव के लोग आज भी डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मान और गर्व के साथ याद करते हैं।

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मनमोहन सिंह की वजह से हुआ गांव का विकास

गाह गांव के लोग मानते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह की वजह से उनके गांव में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। 2007 में, पंजाब प्रांत की तत्कालीन सरकार ने गाह गांव को आदर्श गांव बनाने की घोषणा की थी। गांव में अब डबल रोड, स्ट्रीट लाइट्स, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल, दो अस्पताल और पक्के मकान हैं। गाह के लोग आज भी मनमोहन सिंह को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं।

राजा मोहम्मद अली ने बताया कि मनमोहन सिंह के कारण उनके गांव की पहचान पूरी दुनिया में हुई है। वहीं, गाह गांव के निवासी मोहम्मद अली ने बताया कि जब वे भारत आए थे, तो उन्होंने मनमोहन सिंह और उनके परिवार से मुलाकात की थी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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