नई दिल्ली: अगर आपकी ज़मीन या प्रॉपर्टी पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है और आप पुलिस-कोर्ट के चक्करों से परेशान हैं, तो सुप्रीम कोर्ट का एक हालिया फैसला आपके लिए बड़ी राहत ला सकता है। इस फैसले के अनुसार, अब आप कुछ शर्तों के साथ बिना अदालत गए भी अपनी संपत्ति से अवैध कब्जा हटा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर आपके पास अपनी संपत्ति के वैध कागजात (लीगल टाइटल) हैं, तो आप उस पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले व्यक्ति को हटा सकते हैं। इसके लिए आपको सीधे कोर्ट में केस दायर करने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, यह नियम तभी लागू होता है जब कब्जा 12 साल से कम पुराना हो।
12 साल की शर्त का क्या मतलब है?
भारतीय कानून में इसे “Adverse Possession” कहा जाता है। इस नियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लगातार 12 साल तक किसी और की संपत्ति पर बिना किसी आपत्ति के कब्जा किए रहता है, तो वह उस संपत्ति पर कानूनी रूप से अपना दावा कर सकता है। इसलिए, अगर आपकी प्रॉपर्टी पर किसी ने कब्जा कर लिया है, तो आपको 12 साल की समय सीमा समाप्त होने से पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए।
अवैध कब्जा हटाने के लिए क्या करें?
- हाल का कब्जा: अगर कब्जा हाल ही में हुआ है और आपके पास सभी वैध दस्तावेज हैं, तो आप सीधे पुलिस से मदद मांग सकते हैं। आप अपने कागजात दिखाकर पुलिस से कब्जा हटवाने का अनुरोध कर सकते हैं।
- पुराना कब्जा: यदि कब्जा पुराना हो चुका है या मामला ज़्यादा उलझा हुआ है, तो आपको “Specific Relief Act, 1963” के तहत कोर्ट में केस दर्ज करना होगा। इस कानून की धारा 5 संपत्ति वापस दिलाने में मदद करती है।
क्या हैं जरूरी दस्तावेज?
कब्जा हटाने के लिए आपके पास ये महत्वपूर्ण दस्तावेज होने चाहिए:
- ज़मीन की रजिस्ट्री या सेल डीड
- म्युटेशन सर्टिफिकेट
- भूलेख या खसरा-खतौनी की कॉपी
- प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद और बिजली-पानी के बिल
इन दस्तावेजों से यह साबित करना आसान हो जाता है कि आप ही उस संपत्ति के असली मालिक हैं।
एक जरूरी सलाह
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बेशक आपको अधिकार मिला है, लेकिन कोई भी कदम उठाने से पहले किसी अच्छे वकील से सलाह ज़रूर लें। कानूनी प्रक्रियाएं जटिल हो सकती हैं, और गलत कदम उठाने से मामला आपके खिलाफ जा सकता है। इसलिए, हर कदम सोच-समझकर और कानूनी सलाह के साथ ही उठाएं।