Uniform Civil Code: बिना रजिस्ट्रेशन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर होगी जेल!

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Uniform Civil Code News: नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद, उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युगलों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर उन्हें छह महीने का कारावास और 25 हजार का दंड या दोनों हो सकते हैं।

यूसीसी ड्राफ्ट में प्रावधान:

सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में उत्तराखंड सरकार को सौंपे गए यूसीसी ड्राफ्ट में यह प्रावधान किया गया है। ड्राफ्ट में लिव-इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।

लिव-इन रिलेशनशिप की परिभाषा:

सिर्फ एक वयस्क पुरुष और वयस्क महिला ही लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव-इन रिलेशनशिप या निषिद्ध रिश्तेदारी में नहीं होने चाहिए। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने के लिए अनिवार्य पंजीकरण एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर कराना होगा।

पंजीकरण की प्रक्रिया:

पंजीकरण के उपरांत उन्हें रजिस्ट्रार पंजीकरण की रसीद देगा। उसी रसीद के आधार पर वह युगल किराए पर घर या हॉस्टल या पीजी ले सकेगा। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी।

लिव-इन में जन्मे बच्चे के अधिकार:

लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा और उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे।

संबंध विच्छेद का पंजीकरण:

लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को संबंध विच्छेद का पंजीकरण कराना भी अनिवार्य होगा।

समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युगलों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युगलों और उनके बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

यूसीसी ड्राफ्ट अभी भी सरकार के पास है और इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। यूसीसी लागू होने पर लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानूनी स्थिति में बदलाव आएगा। यह प्रावधान सामाजिक बदलाव का संकेत भी है।

यह एक महत्वपूर्ण विषय है और इस पर विभिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं। क्या आपको लगता है कि यह प्रावधान उचित है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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